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सरकार से बातचीत के बाद ट्रकों की हड़ताल समाप्त

बताया जा रहा है कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण ट्रक मालिकों और ट्रांसपोटरों को तकरीबन 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

Updated on: 28 Jul 2018, 07:37 AM

नई दिल्ली:

पिछले आठ दिन से जारी ट्रकों की बेमियाद हड़ताल शुक्रवार की शाम समाप्त हो गई। सूत्रों के अनुसार, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) और केंद्रीय वित्तमंत्री पीयूष गोयल के बीच चली लंबी बैठक के बाद ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया।

इससे पहले एआईएमटीसी के महासचिव नवीन गुप्ता ने दिन में आईएएनएस से बातचीत में कहा था कि सरकार से बातचीत चल रही है और सकारात्मक नतीजे आने की उम्मीद है।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की 20 जुलाई से जारी बेमियादी हड़ताल के कारण करीब 90 लाख ट्रक सड़कों से बाहर थे। ट्रांसपोर्टर बीमा प्रीमियम में बढ़ोतरी और डीजल की महंगाई के विरोध में हड़ताल थे। इसके अलावा उनकी और भी कई मांगे थीं।

बताया जा रहा है कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण ट्रक मालिकों और ट्रांसपोटरों को तकरीबन 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

ट्रांसपोटरों की हड़ताल से देशभर में कारोबार प्रभावित हुआ था, क्योंकि उपभोक्ता वस्तु समेत औद्योगिक कच्चे माल की आपूर्ति ठप पड़ गई थी। कई उद्योग संगठनों ने भी ट्रांसपोटरों और सरकार से मसले का समाधान कर हड़ताल समाप्त करने की अपील की थी।

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कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) प्रेसिडेंट अतुल गंतरा ने गुरुवार को कहा कि ट्रांसपोटरों की हड़ताल से रूई व कपास की आवक नहीं हो रही है, जिससे कारोबार ठप पड़ गया है। उन्होंने कहा कि कच्चे माल की आपूर्ति नहीं होने से मिलों बंद होने की स्थिति में आ गई है और कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है।

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