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हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत नहीं कर पाई अपना एक वादा पूरा, जानें क्या है वह

दर्जनों पत्रकार, रेलवे के शीर्ष अधिकारी, कई अन्य अधिकारी, कुछ राजनेता और कुछ अन्य लोग इस ट्रेन में नई दिल्ली से रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ शुक्रवार की सुबह वाराणसी गए थे.

Updated on: 16 Feb 2019, 11:33 PM

नई दिल्ली:

शुक्रवार को वाराणसी की उद्घाटन यात्रा के बाद दिल्ली लौट रही हाई स्पीड ट्रेन 18(High speed train-18) जिसका नामकरण वंदे भारत एक्सप्रेस(Vande Bharat Express) किया गया है तकनीकी खराबी के कारण छह घंटे की देरी से शनिवार दोपहर 1 बजे दिल्ली पहुंची. दर्जनों पत्रकार, रेलवे के शीर्ष अधिकारी, कई अन्य अधिकारी, कुछ राजनेता और कुछ अन्य लोग इस ट्रेन में नई दिल्ली से रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ शुक्रवार की सुबह वाराणसी गए थे. इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सादे समारोह में हरी झंडी दिखाई थी, क्योंकि शुक्रवार को ही श्रीनगर के नजदीक एक आतंकवादी हमले में 45 सीआरपीएफ(CRPF) कर्मी मारे गए थे. उद्घाटन यात्रा में कानपुर, इलाहाबाद और वाराणसी में कार्यक्रम था, इसके कारण ट्रेन अपने निर्धारित समय आठ घंटे में 775 किलोमीटर की यह यात्रा पूरी नहीं कर पाई थी.

सभी मीडियाकर्मी, क्षेत्रीय टीवी चैनल कर्मी और रेलवे अधिकारियों व अन्य के वापसी की यात्रा के लिए एक विशेष ट्रेन का प्रबंध किया गया था, जो आधी रात में खुलती और सुबह दिल्ली पहुंचती.

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लेकिन, इस ट्रेन के चलने से कुछ मिनट पहले रेलवे अधिकारियों ने वंदे भारत एक्सप्रेस से नॉन स्टॉप दिल्ली लौटने की पेशकश की, जो खाली लौट रही थी. बताया गया कि यह सुबह 6.00 बजे के लगभग दिल्ली पहुंचा देगी. हालांकि कई लोगों ने इस ऑफर को स्वीकार नहीं किया, क्योंकि विशेष ट्रेन में आरामदायक सोने की सीटें थी और उन्होंने अपने मूल कार्यक्रम में बदलाव नहीं किया.

लेकिन कुछ प्रिंट और टेलीविजन के पत्रकारों के साथ ही न्यूज कैमरामैन्स ने हाई स्पीड ट्रेन 18 से दिल्ली लौटने का विकल्प चुना. ट्रेन रात 10.15 बजे वाराणसी से चली और सुबह तक बीच-बीच में काफी तेज गति से आनंददायक सफर चला. वहीं, रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी ट्रेन से दिल्ली लौटना पसंद किया. वंदे भारत ट्रेन में आधी रात को एकाएक घोषणा होने लगी कि रेलवे अधिकारी इलाहाबाद और कानपुर में ट्रेन से उतर जाएं. इससे पत्रकारों की नींद भी खराब हुई, लेकिन वे इस उम्मीद में कि दिल्ली जल्दी पहुंचेंगे, ट्रेन में सवार रहे.

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हालांकि ट्रेन अपने सामान्य गति से काफी कम गति से बीच-बीच में चल रही थी और आखिरकार सुबह 5.30 बजे नई दिल्ली से 194 किलोमीटर पहले चमरौला में पूरी तरह से रुक गई. यहां से दिल्ली की यात्रा 2 घंटे 50 मिनट की थी, जो ट्रेन में लगे ऑनबोर्ड एंटरटेनमेंट के एलईडी पैनल पर प्रदर्शित हो रही थी. कई घंटे बीत गए, तब ट्रेन में सो रहे पत्रकारों को आभास हुआ कि कुछ गड़बड़ है. रेल अधिकारियों ने उन्हें दिल्ली जा रही ट्रेन विक्रमशिला एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए कहा, जो वहां तकनीकी कारण से रुकी थी. आधिकारिक रूप से, रेलवे के प्रवक्ता का कहना है कि किसी जानवर के ऊपर से गुजरने से ट्रेन में खराबी आई. डिब्बों के अंदर मोबाइल फोन के सिग्नल कमजोर थे और वाई-फाई भी नहीं चल रहा था. अधिकारियों को उम्मीद है कि रविवार से पहले वे इन खराबियों को ठीक कर लेंगे.