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ट्रेन 18 से बनारस जा रहे हैं PM नरेंद्र मोदी , क्‍या आपने वंदे भारत एक्‍सप्रेस का लिया है टिकट

वंदे भारत एक्‍सप्रेस यानी ट्रेन 18 के उद्घाटन मौके पर अगर आप दिल्‍ली से बनारस की यात्रा करने वाले हैं तो आप लकी हैं.

Updated on: 06 Feb 2019, 09:58 AM

नई दिल्‍ली:

भारत की सबसे तेज़ चलने वाली ट्रेन वंदे भारत एक्‍सप्रेस यानी ट्रेन 18 (Train 18) के उद्घाटन मौके पर अगर आप दिल्‍ली से बनारस (NDL-VNS) की यात्रा करने वाले हैं तो आप लकी हैं. क्‍योंकि इसी ट्रेन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बनारस जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक पीएम 8 घंटे ट्रेन (Train 18) के एग्जीक्यूटिव चेयर कार में सफर करेंगे. इस ट्रेन में पीएम के साथ रेलवे के चुनिंदा अफसर मौजूद रहेंगे.

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मीडिया रिपोर्टस मुताबिक के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रेन 18 (Train 18) यानी वंदे भारत एक्‍सप्रेस (Vande Bharat Express) के उद्घाटन के मौके पर दिल्ली से बनारस तक इस ट्रेन में सफर करेंगे. सूत्रों के मुताबिक पीएम 8 घंटे ट्रेन के एग्जीक्यूटिव चेयर कार में सफर करेंगे. इस ट्रेन में पीएम के साथ रेलवे के चुनिंदा अफसर मौजूद रहेंगे.

वंदे भारत एक्‍सप्रेस दिल्ली से चलकर सबसे पहले कानपुर में रुकेगी जहां पीएम एक जनसभा को संबोधित करेंगे. वहां से यह ट्रेन 40 मिनट बाद चलेगी और पीएम फिर कानपुर से ट्रेन में सवार होंगे. फिर यह ट्रेन इलाहाबाद में 40 मिनट रुकेगी यहां फिर पीएम एक जनसभा को संबोधित करेंगे. उसके बाद यह ट्रेन बनारस के लिए रवाना हो जाएगी. यहां पर भी एक जनसभा होगी.

सूत्रों के मुताबिक पीएम के कार्यक्रम के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. ट्रेन 18 को वंदे भारत एक्सप्रेस का नाम दिया गया है. यह भारत की सबसे तेज़ चलने वाली ट्रेन है. इसे चेन्नई के रेल कोच फैक्ट्री ने तैयार किया है. ट्रेन में शताब्दी एक्सप्रेस की तर्ज पर बैठने की व्यवस्था रखी गयी है.

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ट्रेन-18 नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलेगी. यह ट्रेन 755 किलोमीटर की दूरी आठ घंटे में तय करेगी. इस रूट पर ट्रेन का ठहराव कानपुर और प्रयागराज में होगा. वर्तमान में सबसे तीव्रगामी ट्रेन को इस दूरी को तय करने में साढ़े ग्यारह घंटे का समय लगता है. इस ट्रेन के एग्जिक्यूटिव क्लास का किराया 2,800 रुपये से 2,900 रुपये के बीच और चेयर कार का किराया 1,600 रुपये से 1,700 रुपये के बीच रहेगा.

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ट्रेन का निर्माण चेन्नई स्थित इंटिग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) में किया गया है. इसका परिचालन परीक्षण रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) लखनऊ की देखरेख में किया गया है. परीक्षण के दौरान ट्रेन का 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से परिचालन सफल रहा. यह ट्रेन अधिकतम 200 किलोमीटर की रफ्तार से चलने में सक्षम है. अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन-18 मेट्रो ट्रेन की तरह इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलती है और यह अगले साल से शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेना शुरू कर देगी.