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ई-कॉमर्स के विरोध में भारत बंद, 7 करोड़ से अधिक कारोबारी लेंगे हिस्सा, मेडिकल स्टोर नहीं खुलेंगे, दिल्ली में असर कम

ई-कॉमर्स, ऑनलाइन शॉपिग, फूड सेफ्टी एक्ट वायदा कारोबार और वॉलमर्ट द्वारा घरेलू खुदरा कंपनी फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण से नुकसान को लेकर कन्फेडरेशन ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा शुक्रवार यानी आज भारत बंद बुलाया गया है

Updated on: 28 Sep 2018, 02:13 PM

नई दिल्ली:

ई-कॉमर्स, ऑनलाइन शॉपिग, फूड सेफ्टी एक्ट वायदा कारोबार और वॉलमर्ट द्वारा घरेलू खुदरा कंपनी फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण से नुकसान को लेकर कन्फेडरेशन ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा शुक्रवार यानी आज भारत बंद (bharat band) बुलाया गया है. इस दौरान देशभर की सभी मेडिकल स्टोर भी बंद रहेंगे. लेकिन आज दिल्ली के सभी बड़े अस्पतालों के बाहर लगभग सभी दुकाने खुली है. जिसमें आरएमएल (RML), एम्स (AIMS), एलएनजेपी (LNJP) और गंगाराम के पास स्थित दुकानें खुली हुई हैं. यानी दिल्ली में बंद का उतना असर नहीं देखने को मिल रहा है.

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#वहीं, यूपी के रामपुर में बंद का असर मिलाजुला देखने को मिल रहा है. हड़ताल को सफल बनाने के लिए फार्मा ट्रेडर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने शहर में जनसंपर्क किया. बाज़ार में अपनी दुकानें भी बंद रखी. इसके साथ अपनी मांगों को लेकर व्यापार मंडल ने एक ज्ञापन भी दिया.

#कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने एक बयान में कहा, देश के सभी व्यावसायिक बाजार बंद रहेंगे और कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं होगी. इस बंद में देश भर के सात करोड़ से अधिक छोटे कारोबारियों के हिस्सा लेने की संभावना है.'

#वहीं, यूपी के केमिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि उनकी मांगे जायज है और आज से नहीं इसका विरोध पिछले कई दिनों से कर रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है. यही वजह है कि बंद का आह्वान करना पड़ा. 

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वहीं, कारोबारियों का कहना है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों को पिछले दरवाजे से प्रवेश देकर सरकार छोटे व्यापारियों को खत्‍म करना चाहती है. खुदरा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई आने से व्‍यापारियों और दुकानदारों का कारोबार ठप पड़ने का खतरा बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा नियम वॉलमार्ट को भारत में काम करने की इजाजत नहीं देते हैं, लेकिन फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी खरीदने के बाद यह पिछले दरवाजे से बाजार में उतरने की तैयारी कर रहा है.

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