लाल किला के बाद सरकार अन्य इमारतों को भी प्राइवेट हाथों में सौंपने तैयार
लाल किला को रखरखाव के लिए प्राइवेट कंपनी को सौंपने के बाद आलोचना झेल रही सरकार अब देश की अन्य प्राचीन इमारतों को भी प्राइवेट कंपनियों को देने जा रही है।
नई दिल्ली:
लाल किला को रखरखाव के लिए प्राइवेट कंपनी को सौंपने के बाद आलोचना झेल रही सरकार अब देश की अन्य प्राचीन इमारतों को भी प्राइवेट कंपनियों को देने जा रही है। सरकार अपने 'अडॉप्ट ए हैरिटेज साइट' प्रोजेक्ट को बढ़ाने जा रही है।
पर्यटन मंत्री के जे अल्फोंस ने इस पहल पर कांग्रेस के विरोध की निंदा की है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी के पास 'कमजोर स्मृति' है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी हुमायूं के मकबरे के रखरखाव के लिए प्राइवेट कंपनी को जिम्मा दिया था।
अल्फोंस ने कहा कि 'अडॉप्ट ए हैरिटेज' स्कीम के तहत वह लाल किले को डालमिया भारत ग्रुप को हैंड ओवर करने के मामले में जो विवाद उत्पन्न हुआ है उससे बिलकुल भी चिंतित नहीं हैं।
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उन्होंने कहा, 'एमओयू पर साइन करना सरकार का एक कार्यकारी निर्णय है। वर्तमान में मौजूद इस प्रोजेक्ट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। हम इस स्कीम को और बढ़ाएंगे और जल्द ही अन्य प्रचीन इमारतों को इसमें शामिल करेंगे।'
पयर्टन मंत्री ने 'अडॉप्ट ए हैरिटेज' स्कीम को विस्तार से बताते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्य भारत की ऐतिहासिक धरोहरों को देखरेख के लिए प्राइवेट सेक्टर, पब्लिक सेक्टर और निजी तौर पर दिया जाना है ताकि इन जगहों पर पर्यटन सुविधाएं बढ़ाई जा सकें।
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