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Pulwama Attack के बाद अबतक भारत ने उठाए ये पांच बड़े कदम, बदले की कार्रवाई अब भी बाकी

पाकिस्तान पर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भारत सरकार ने दबाव बनाने के लिए कई बड़े फैसले किए हैं.

Updated on: 22 Feb 2019, 08:02 AM

नई दिल्ली:

पुलवामा आतंकी हमले के बाद अबतक भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अब भी बदले की बाकी है. बता दें कि 14 फरवरी को पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला किया था, जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे. इससे भारत की जनता में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ बदला लेने की आग है. पाकिस्तान पर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भारत सरकार ने दबाव बनाने के लिए कई बड़े फैसले किए हैं.

1. भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशनल (MFN) का दर्जा छीना. भारत ने 1996 में पाकिस्तान को MFN का दर्जा दिया था. पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ यह पहली कार्रवाई की थी.

2. भारत ने पाकिस्तान से आने वाले सामान पर भी 200 फीसदी सीमा शुल्क बढ़ा दी है, जिससे पाकिस्तान के कारोबारी बेहद परेशान हैं. उदाहरण के लिए आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर किसी ट्रक पर पाकिस्तान की तरफ से 15 लाख रुपये का कोई सामान लदा है तो उसे भारत में प्रवेश कराने के लिए पाकिस्तान के उस कारोबारी को 30 लाख रुपये इंपोर्ट ड्यूटी देनी पड़ेगी

3. भारत सरकार ने कूटनीतिक स्तर पर एक और बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तान की तरफ बहने वाले भारतीय हिस्से के पानी को रोकने का फैसला किया है. केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, हम पाकिस्तान की तरफ पूर्वी दिशा से बहने वाले पानी का मुंह मोड़ेंगे जिससे जम्मू-कश्मीर और पंजाब के हमारे लोगों को इसका सीधा फायदा होगा. पाकिस्तान सरकार ने आतंकी हाफिज सईद के दो संगठनों पर बैन लगा दिया है.

4. पुलवामा हमले के बाद गृह मंत्रालय ने पैरामिलिट्री फोर्स को लेकर बड़ा फैसला किया है.जम्‍मू कश्‍मीर में सीआरपीफ जवानों के लिए एयर कुरियर सर्विस को मंजूरी दी गई है. सीआरपीएफ के जवान चाहे ड्यूटी पर रहें या फिर छुट्टी पर उन्‍हें सारी सुविधाएं मिलेंगी. इसका लाभ कांस्‍टेबल, हेड कांस्‍टेबल और एएसआई को मिलेगा.

5. पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने घाटी के 18 अलगाववादी नेताओं और 155 राजनेताओं व कार्यकर्ताओं को मिली सुरक्षा को वापस ले लिया है. गृह विभाग के प्रवक्ता के अनुसार, ऐसा लग रहा है कि इन अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा प्रदान कर राज्य की संसोधनों का दुरुपयोग हो रहा है जिसे बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है.