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पटना में महागठबंधन की बैठक खत्म, 18 पर आरजेडी और 10 सीट पर कांग्रेस लड़ेगी चुनाव: सूत्र

बिहार में लोकसभा की 40 सीटे के बंटवारों को लेकर महागठबंधन की बैठक खत्म हो चुकी है.

Updated on: 07 Jan 2019, 09:03 PM

नई दिल्ली:

बिहार में लोकसभा की 40 सीटे के बंटवारों को लेकर महागठबंधन की बैठक खत्म हो चुकी है. हालांकि बैठक के बाद एनडीए छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सीटों के बंटवारे का ऐलान खड़मास के बाद किया जाएगा. वहीं सूत्रों के मुताबिक सीट बंटवारों को लेकर जो सहमति बनी है उसके तहत लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) 18 सीटों पर और कांग्रेस 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं बचे हुए 10 सीटों में आरएलएसप, जीतन राम मांझी की पार्टी हम और मुकेश निषादी की पार्टी के बीच बंटवारा होगा.

इससे पहले दिल्ली में 20 दिसंबर को बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस, जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा(हम) और  उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (आरएलएसपी) की बैठक हुई थी. बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर यह बैठक हुई थी होने वाली है. उस वक्त ऐसी खबरें आई थी कि मनचाहा सीट नहीं मिलने से नाराज एनडीए छोड़ चुके उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन में 4-5 सीट मिल सकती है. आरएलएसपी की काराकाट, सीतामढ़ी, जहानाबाद, मोतिहारी और चतरा की सीटों पर दावेदारी इसके साथ ही गोपालगंज के सीट पर भी आरएलएसपी की नजर है.

सीट शेयरिंग को लेकर पहले हुआ था यह दावा
कांग्रेस-8-12 सीटें
आरजेडी-18-20 सीटें
रालोसपा-4-5 सीटें
सीपीएम,सीपीआई,सीपीआई(माले)-1 सीट.
हम(मांझी)-1-2 सीटें

आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने सीट शेयरिंग को लेकर कहा था कि बिहार में आरजेडी बड़े भाई की भूमिका में हैं. अगर यहां आरजेडी नहीं होगी तो सब खत्म हो जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा जनप्रभाव ज्यादा है इसलिए दावेदारी भी ज्यादा होगी. इसके साथ ही कहा कि उपेंद्र कुशवाहा भी महागठबंधन का हिस्सा होंगे.

 वहीं तेजस्वी यादव ने उपेंद्र कुशवाहा के महागठबंधन में शामिल होने के सवाल पर कहा है कि शाम तक सभी बातें साफ हो जाएंगी, हमनें उन्हें (उपेंद्र कुशवाहा) को पहले भी शामिल होने को कहा था. अगर उपेंद्र कुशवाहा देश के लिए अच्छा चाहते हैं तो हमने उन्हें बुलाया. क्षेत्रीय दलों को भी शामिल (महागठबंधन) करने की कोशिश की गई है. यहां तक की एलजेपी भी मोदी जी से खुश नहीं है.

पीएम मोदी ने महागठबंधन पर बोला था हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में 'महागबंधन' को 'अमीर वंशों' का एक समूह बताया था और कहा था कि विपक्षी दलों की कोशिशें उनकी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं और अस्तित्व की रक्षा से प्रेरित हैं. चेन्नई के मध्य व उत्तरी हिस्सों, मदुरई, तिरुचिरापल्ली और तिरुवलुर के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं से वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए संवाद के दौरान मोदी ने कहा, 'विभिन्न राजनीतिक दल आज महागठबंधन की बात कर रहे हैं. मैं आपको बता दूं कि गठबंधन व्यक्तिगत अस्तित्व की रक्षा के लिए है, न कि विचारधाराओं का समर्थन है. यह गठबंधन सत्ता के लिए है, न कि जनता के लिए. यह गठबंधन लोगों की आकांक्षाओं के लिए नहीं, बल्कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए है.'

एक सवाल के जवाब में मोदी ने कई ऐसे वाकयों का जिक्र किया, जहां कांग्रेस ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं का अपमान किया और उन्हें धोखा दिया. उन्होंने कहा कि वही दल अब महागठबंधन की बात कर रहे हैं.

मोदी ने कहा, "कई दल और उनके नेता राम मनोहर लोहिया से प्रेरणा लेने की बात करते हैं, जिन्होंने कांग्रेस और उसकी विचारधारा व राजनीति की पद्धति का कड़ा विरोध किया. कांग्रेस के साथ नापाक व अवसरवादी गठबंधन करके वे लोहिया को किस प्रकार की श्रद्धांजलि दे रहे हैं."

सामाजावदी नेता को याद करके मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा, "लोहिया हमेशा कहते थे कि कांग्रेस समझौतावादी पार्टी है, जिसने विचारधारा और राष्ट्रीय हित के कई मुद्दों पर समझौता किया है. उन्होंने भारत में जाति संबंधी विषमता के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. लोहिया इस बात से दुखी थे कि 1947 के बाद कांग्रेस महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं रह गई."