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भारत ने अंतरिक्ष में हासिल की बहुत बड़ी उपलब्धि, जानें A-SAT की खूबियां

भारत ने आज अंतरिक्ष में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ए सेट मिसाइल को विकसित किया है.

Updated on: 28 Mar 2019, 06:25 PM

नई दिल्ली:

भारत ने आज अंतरिक्ष में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ए सेट मिसाइल को विकसित किया है. आपरेशन मिशन शक्ति के तहत भारत ने अंतरिक्ष में अपने ए सैटेलाइट मिसाइल से एलईओ में दुश्मन के लाइव सैटेलाइट मिसाइल को मार गिराया है. इसकी जानकारी पीएम नरेंद्र मोदी ने दी. एंटी-सैटेलाइट वेपन (A-SAT) में लाइव सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता है. इस बार भारत ने करीब 300 किमी की ऊंचाई पर दुश्मन के सैटेलाइट को मार गिराया है.

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एंटी-सैटेलाइट वेपन (एसैट) मिसाइल दरअसल वह स्‍पेस वेपन होते हैं, जिन्‍हें इस तरह से डिजाइन किया जाता है जो दुश्‍मन की ओर से मिलिट्री जासूसी के मकसद से तैयार किए गए सैटेलाइट को नष्‍ट कर सकते हैं. अभी तक अमेरिका, रूस और चीन के पास ही यह हथियार थे, लेकिन अब भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया है जिसके पास इस तरह की क्षमता मौजूद है. ऐसा करके भारत अब दुनिया का चौथी ऐसा देश गन गया है, जिसके पास इस तरह का हथियार है जो अंतरिक्ष में भी दुश्‍मन को निशाना बना सकता है. भारत ने अंतरिक्ष में लियो सैटेलाइट को 300 किलोमीटर की दूरी पर ढेर किया है.

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एंटी-सैटेलाइट वेपन (A-SAT) अंतरिक्ष हथियार हैं, जो सामरिक सैन्य उद्देश्यों के लिए उपग्रहों को निष्क्रिय या नष्ट करने के लिए डिजाइन किए गए हैं. कयद्यपि युद्ध में अभी तक कोई भी ASAT प्रणाली का उपयोग नहीं किया गया है. पहली बार भारत ने दुश्मनों के मिसाइल को मार गिराने के लिए ए सेट का उपयोग किया है. कई देशों ने अपने A-SAT क्षमताओं को बल के प्रदर्शन में प्रदर्शित करने के लिए खुद उपग्रहों को गोली मार दी है. सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन और भारत ने इस क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है. भारत ने 27 मार्च 2019 को यह बड़ी उपलब्धि हासिल की है. संयुक्त राज्य अमेरिका और यूएसएसआर द्वारा सबसे पहले प्रयास 1950 के दशक से जमीन से प्रक्षेपित मिसाइलों का उपयोग किया गया था.