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आज दिल्ली में होगा ऐलान, आरजेडी, कांग्रेस, हम और आरएलएसपी के महागठबंधन में किसको मिलेगा कितना स्थान

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि गुरुवार यानि की कल बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस, जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और एनडीए का साथ छोड़ चुके उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (आरएलएसपी) के नेता राजधानी दिल्ली में अपने महागठबंधन की गांठ पर सहमति की मुहर लगाएंगे

Updated on: 20 Dec 2018, 12:03 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं वैसे-वैसे ही महागठबंधन भी आकार लेने लगा है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आज बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस, जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और एनडीए का साथ छोड़ चुके उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (आरएलएसपी) के नेता राजधानी दिल्ली में अपने महागठबंधन की गांठ पर सहमति की मुहर लगाएंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए एक तरह जहां लालू यादव की पार्टी आरजेडी, कांग्रेस और हम चुनाव एक साथ लड़ने और महागठबंधन पर बड़ा फैसला कर सकते हैं वहीं उपेंद्र कुशवाहा कल आधिकारिक तौर बिहार में एनडीए के खिलाफ महागठबंधन में जाने का ऐलान करेंगे. कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल शामिल होंगे

चारों पार्टियां बिहार में कितने सीटों पर लड़ेगी यह अभी साफ नहीं हो पाया है लेकिन माना जा रहा है कि आरजेडी बिहार में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के साथ ही महागठबंधन का नेतृत्व करने का ऐलान कर सकती है. कल सबकी नजरें इस बात पर होंगी की राहुल गांधी के नेतृत्व में हाल ही में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और राजस्थान में जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस को बिहार में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कितनी सीटें मिलती है.

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के लिए सम्‍मानजनक सीट न मिलने के बाद राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA राजग) से किनारा करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा बुधवार को बीजेपी पर जमकर बरसे. बीजेपी को खरी-खोटी सुनाते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने न्‍यूज नेशन (News Nation) से कहा, एनडीए में छोटी पार्टी और सोशल जस्टिस की बात करने वाले दलों की दुर्गति होती है. कुशवाहा ने कहा, हम तो समय रहते निकल गए. रामविलास पासवान की लोजपा की भी एनडीए में यही दुर्गति होने वाली है. उन्‍होंने कहा, नीतीश कुमार के एरोगेंस के चलते बिहार में एनडीए का बुरा हाल हो रहा है.

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पासवान की पार्टी एलजेपी को भी कुशवाहा ने दी है नसीहत

कुशवाहा ने कहा, अब सोचना राम विलास पासवान को है, वो बड़े नेता हैं. बीजेपी रणनीति के तहत आखरी वक़्त तक सहयोगियों को फंसाकर रखती है, ताकि उनके पास कोई चारा न बचे. कुशवाहा ने कहा, अब तक महागठबंधन में जाने का नहीं सोचा है. उन्‍होंने कहा, छोटी पार्टियां भी एक हो सकती हैं. यह भी एक विकल्‍प हो सकता है.

इससे पहले 10 दिसंबर को मोदी सरकार से इस्‍तीफा देने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरी सरकार को जमकर कोसा था. उन्‍होंने बिहार की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री और एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा, बिहार को विशेष पैकेज की मांग पूरी नहीं हुई. बिहार के लिए मोदी सरकार ने कुछ नहीं किया. यहां तक कि जातीय गणना भी नहीं कराई गई. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक न्‍याय की दुहाई दी थी, लेकिन उन्‍होंने एक भी वादा पूरा नहीं किया. उन्‍होंने कहा, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बिहार के लोगों को लगा था कि उनके अच्‍छे दिन आ गए, लेकिन यह छलावा साबित हुआ. कुशवाहा ने कहा, लोगों की उम्‍मीद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार खरी नहीं उतरी.

लोकजनशक्ति पार्टी ने भी दी है बीजेपी को घुड़की

लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी मुश्किल में घिरती नजर आ रही है. बिहार में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी (रालोसपा) के अलग होने के बाद बीजेपी को एक और झटका लग सकता है. बीजेपी को यह झटका लोकजनशक्ति पार्टी (एलजेपी) दे सकती है. एनडीए के घटक दल LJP ने भी इशारा किया है कि अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. एलजेपी नेता चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा कि टीडीपी और आरएलएसपी के एनडीए से अलग होने के बाद गठबंधन नाजुक दौर से गुजर रहा है. ऐसे में बीजेपी गठबंधन में बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीके से दूर करें.

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 एलजेपी नेता चिराग पासवान के बाद लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राम विलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने भी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है. वहीं एलजेपी नेता चिराग पासवान के कल किए ट्वीट के बाद बात और बढ़ गई है. उन्होंने कहा 2014 में हमलोग NDA के पार्ट रहे, साढ़े चार वर्ष हम विश्वास के साथ रहे. हम चाहते हैं कि NDA की सरकार फिर बने. उन्होंने कहा पीएम मोदी से हमारी मांग है की वह सही समय पर सीट शेयरिंग पर निर्णय लें. उन्होंने कहा हमारी मांग है जितने सीट पर हम लड़े उतनी सीट हमें फिर मिले और समय से मिले. ये नहीं होगा कि चुनाव के ठीक पहले मिले. अगर हमारी मदद नहीं करेंगे तो हम पीछे-पीछे नहीं दौड़ेंगे. जदयू और भाजपा का इन्होंने बांट लिया लेकिन लोजपा को नही पूछा, आजतक हम लोगों को नहीं पूछा गया कि कितने सीट पर हम लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि 7 हमें 7 सीट चाहिए. Nda से जीतन मांझी गए, कुशवाहा गए, गठबंधन पर असर तो पड़ ही रहा है.

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