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भारत ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को दिखाया आईना, CPEC का भी किया विरोध

तजाकिस्तान में SCO की बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक बार फिर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया और कहा आतंकवाद विकास और सृमद्धि के लिए जबरदस्त खतरा है।

Updated on: 13 Oct 2018, 06:07 PM

दुशांबे:

तजाकिस्तान में SCO की बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक बार फिर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया और कहा आतंकवाद विकास और सृमद्धि के लिए जबरदस्त खतरा है. उन्होंने पाकिस्तान सहित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों से आतंकवाद के समस्या को अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी समझने और आपस में सहयोग करने की अपील की है. स्वराज ने 50 अरब डॉलर के चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) को लेकर कहा कि संपर्क की सभी पहल संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान, विचार विमर्श, सुशासन, पारदर्शिता, व्यवहार्यता और निरंतरता के सिद्धांत पर आधारित होनी चाहिए. भारत ने सीपीईसी परियोजनाओं का विरोध किया है और चीन के समक्ष विरोध दर्ज कराया है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है.

स्वराज एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) के दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए यहां आईं हैं. उन्होंने कहा,‘आतंकवाद विकास और समृद्धि के हमारे साझा लक्ष्यों के लिए सबसे बड़ा खतरा है.’ विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की मौजूदगी में कहा कि चूंकि आतंकवाद पैर पसार रहा है तो सरकारों को अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी समझनी चाहिए और एक दूसरे से सहयोग करना चाहिए.

स्वराज ने कहा, ‘हम सब को वैश्वीकरण से लाभ हुआ है. हमें अपना व्यापार और निवेश सहयोग आगे बढ़ाना चाहिए. हम खुले, स्थाई अंतरराष्ट्रीय व्यापार तंत्र का समर्थन करते हैं जो विश्व व्यापार संगठन की केन्द्रीयता पर आधारित हो.’

उन्होंने कहा कि भारत ने क्विंगदाओ में एससीओ सम्मेलन में शामिल नेताओं की युवाओं को कट्टरपंथ में धकेलने के खिलाफ अपील का खुलकर समर्थन किया था. साथ ही उन्होंने ‘एससीओ शांति मिशन 2018’ के सफलता पूर्वक संपन्न होने के लिए अपने सहयोगियों को बधाई दी.

यह पहली बार है जब भारत ने इन आतंकवाद विरोधी अभ्यासों में हिस्सा लिया है.

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत उस शांति प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है जो अफगानिस्तान की अगुवाई में, अफगानिस्तान का और अफगानिस्तान नियंत्रित हो, और जो अफगानिस्तान को शांतिपूर्ण, सुरक्षित,स्थाई, समग्र और आर्थिक रूप से जीवंत देश के रूप में सामने लाए.