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मोदी का 500-1000 नोट पर बैन, जानिए कैसे चलती थी टेरर फंडिंग

पाकिस्तान बड़े पैमाने पर नकली भारतीय नोट छापकर देश की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश कर रहा है।

Updated on: 09 Nov 2016, 03:25 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट को बंद करने की घोषणा की है। यह फैसला तीन तथ्यों को ध्यान में रखकर लिया गया है। पहला, काला धन, दूसरा, टेरर फंडिंग और तीसरा, देश की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश कर रहे पाक की तरफ से भेजे जा रहे नकली भारतीय नोटों को रोकना। केंद्र सरकार के फैसले से इस पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा।

पाकिस्तान बड़े पैमाने पर नकली भारतीय नोट छापकर देश की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश कर रहा है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तानी सरकार बड़े पैमाने पर फेक इंडियन करेंसी नोट्स (FICN) छापती है और देश में भेजती है। इस साल पाक की ओर से देश में करीब 1200 करोड़ नकली नोटों की तस्करी हुई है।

NIA ने सौंपी रिपोर्ट

एनआईए का चौंकाने वाला यह निष्कर्ष हाल ही में पार्लियामेंट में सामने आया है। इसे देश की टॉप इंटेलिजेंस एजेंसियों द्वारा रिपोर्ट पेश कर सामने लाया गया है। इनमें रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) शामिल हैं। एनआईए की विस्तृत फॉरेंसिक विश्लेषण से पता चला है कि उन्हीं प्रिंटिंग प्रेस में नकली भारतीय नोट छप रहे हैं, जिनमें पाकिस्तान के नोट छपते हैं। इस वजह से इन नकली नोटों को पहचानना मुश्किल हो जाता है।

आधुनिक मशीनों का होता है इस्तेमाल

सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि इन नकली नोटों को छापने के लिए बेहद आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। खास बात यह है कि नोटों की हूबहू नकल छापने वाली ऐसी मशीने सिर्फ पाकिस्तान के पास है। यह भी जानकारी मिली है कि नकली नोटों के लिए जो पैरामीटर निर्धारित किए गए हैं जैसे पेपर का साइज़ वगैरह पूरी तरह से मेल खाते हैं। इस पेपर के जरिए यह बात भी सामने आई है कि पाकिस्तान के अलावा और कोई भी देश फेक इंडियन करेंसी नोट्स नहीं छापती है।

नकली नोटों की खेप भेजी जाती है भारत

इन नकली नोटों की खेप भारत में भी भेजी जाती है। इसके लिए रूट भी निर्धारित हैं, लेकिन कुछ नए रास्ते भी सामने आए हैं। कमेटी ने यह जानकारी दी है कि साल 2010 में भारत में नकली नोटों की 1500 से 1700 करोड़ के बीच काफी बड़ी मात्रा में तस्करी की गई थी। साल 2012 में इसकी संख्या बढ़कर 2500 करोड़ हो गई। इस साल भारत में करीब 1200 करोड़ रुपए की नकली करेंसी की तस्करी की गई है।

पाक में रहने वाला गिरोह सक्रिय

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तान में रहने वाला एक गिरोह भारत में नकली नोट भेजने में सक्रिय है। इस गिरोह में शामिल सदस्य इसे यूएई, बांग्लादेश, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, श्रीलंका और चाइना के पाकिस्तानी दूतावासों के माध्यम से नकली नोटों की खेप भारत भेजता है। देश-विदेश में जितने भी नकली भारतीय नोट पकड़े गए हैं, जांच के दौरान उनका मूल दुबई या पाकिस्तान मिला है।

'D' कंपनी का रोल

डी कंपनी के गैंगस्टर इस गोरखधंधे को बढ़ाने में पूरी तरह से लिप्त हैं। इन अपराधियों में आफताब बत्की और हाजी अब्दुल्ला के नाम सामने आए हैं। वहीं, इस बात की भी पुष्टि हुई है कि भारत में आतंकी हमलों के लिए इन नकली भारतीय नोटों का इस्तेमाल किया जाता है। पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज़ इंटेलीजेंस (ISI) भारत में नकली नोटों की खेप भेजती है, ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी से उतर जाए।

मुंबई हमले के वक्त नकली नोटों का इस्तेलमाल

एनआईए के दस्तावेजों के मुताबिक, कई आतंकी संगठन जैसे लश्कर-ए-तयैबा, दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी, अल-बदर और हरकत-उल-जेहाद-अल इस्लामी (हूजी) के आतंकियों के पास से उनकी गिरफ्तारी के वक्त नकली भारतीय नोट मिल चुके हैं। मुंबई में हुए आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए भी करीब 2 लाख रुपए के नकली नोटों का इस्तेमाल किया गया था।

कई देशों में नोटों की होती है सप्लाई

इस साल की शुरुआत में लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि आईएसआई इस पूरे नेटवर्क को चला रहा है। नकली नोट भारत में भेजने का सबसे बड़ा डीलर इकबाल खान है, जो अभी भी पाकिस्तान में सक्रिय है। उसे आईएसआई ब्रिगेडियर के जरिए नोट मिलते हैं और वह बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते भारत में इनकी सप्लाई करता है। उसने यह भी बताया कि हॉलैंड, सिंगापुर और यूएई में भी इन नोटों की सप्लाई होती है।

होम मिनिस्ट्री ने लिया बड़ा फैसला

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कई गिरफ्तारियों के बाद भारत के लिए हो रही साजिश की खबर मिलते ही होम मिनिस्ट्री ने फैसला लिया कि एनआईए की टीम को जानकारी इकट्ठा करने के लिए उन जगहों पर भेजा जाएगा, जहां-जहां इन नोटों की सप्लाई होती है। इसके कुछ महीने बाद बांग्लादेश में 4 पाकिस्तानियों समेत 16 लोगों को पकड़ा गया, इनके पास से 1.3 करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद हुए। टीम के सदस्यों ने भारी मात्रा में नकली नोट बरामद किए।

62 करोड़ के नकली नोट हुए बरामद

अपनी रिपोर्ट पार्लियामेंट में कमेटी को सौंपने के बाद सुरक्षा एजेंसी के एक अधिकारी ने यह बताया कि करीब साल 2006 से 2012 के बीच करीब 62 करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद हुए हैं। नकली नोटों की इतनी बड़ी मात्रा भारत में हुए सभी आतंकी हमले और देश की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ने के लिए पर्याप्त है।