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वोडाफोन-आईडिया के विलय को दूरसंचार विभाग आज दे सकती है मंजूरी

इस मंजूरी के बाद प्रस्तावित नाम 'वोडाफोन आईडिया लिमिटेड' के साथ यह देश की सबसे बड़ी मोबाइल सर्विस ऑपरेटर हो जाएगी।

Updated on: 18 Jun 2018, 11:15 AM

highlights

  • विलय की मंजूरी के बाद संयुक्त इकाई का मार्केट शेयर 35 प्रतिशत हो जाएगा
  • दूरसंचार आयोग से मंजूरी के बाद इसे सरकार के पास भेजा जाएगा
  • विलय के बाद इस संयुक्त इकाई के कुल सब्सक्राइबर करीब 43 करोड़ होंगे

नई दिल्ली:

वोडाफोन इंडिया और आईडिया सेल्युलर के बीच विलय को दूरसंचार विभाग आज मंजूरी दे सकती है। इस मंजूरी के बाद प्रस्तावित नाम 'वोडाफोन आईडिया लिमिटेड' के साथ यह देश की सबसे बड़ी मोबाइल सर्विस ऑपरेटर हो जाएगी।

शनिवार को अधिकारिक सूत्रों की जानकारी के मुताबिक, 'दूरसंचार विभाग सोमवार को वोडाफोन-आईडिया मर्जर का रास्ता साफ कर सकती है। जिसके बाद उन्हें प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा।'

आईडिया और वोडाफोन ने देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर के रूप में उभरने के लिए विलय का निर्णय किया था।

विलय की मंजूरी के बाद इस संयुक्त इकाई का मार्केट शेयर 35 प्रतिशत हो जाएगा और यह करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये की कंपनी होगी। वहीं इसके कुल सब्सक्राइबर करीब 43 करोड़ होंगे।

प्रतियोगी बाजार में होने वाले इस विलय के बाद कर्ज से लदे आईडिया और वोडाफोन को राहत की सांस मिल सकती है।

दोनों कंपनियों का संयुक्त रूप से कर्ज करीब 1.15 लाख करोड़ रुपये का है।

इस संयुक्त उपक्रम में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45.1 फीसदी है जबिक कुमार मंगलम बिड़ला की आदित्य बिड़ला ग्रुप के पास 26 फीसदी है और 28.9 फीसदी हिस्सदारी आईडिया की है।

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सूत्रों के मुताबिक, आईडिया द्वारा जरूरी बैंक गारंटी पूरी होने बाद विलय ऑन रिकॉर्ड हो जाएगा और उसे वोडाफोन इंडिया के कर्जों को स्वीकारने की अंडरटेकिंग देनी होगी जो कि भविष्य में बढ़ सकती है।

दूरसंचार आयोग से मंजूरी के बाद इसे सरकार के पास भेजा जाएगा।

पिछले साल मार्च में हुए समझौते के मुताबिक आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमेन कुमार मंगलम बिड़ला मर्ज इस कंपनी के चेयरमैन होंगे जबकि बालेश शर्मा के नए सीईओ बनने की संभावना है।

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