नई दिल्ली:
कांग्रेस को तेलंगाना में शुक्रवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब पार्टी के वरिष्ठ नेता व आंध्र प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष केआर सुरेश रेड्डी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल हो गए। सुरेश रेड्डी अविभाजित आंध्र प्रदेश विधानसभा के 2004 से 2009 तक अध्यक्ष रहे थे। रेड्डी ने यह घोषणा तेलंगाना के कैबिनेट मंत्री केटी रामाराव द्वारा उन्हें टीआरएस में शामिल होने का निमंत्रण देने के बाद की।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव द्वारा समय पूर्व चुनाव कराने के लिए विधानसभा को भंग किए जाने के बाद यह घटनाक्रम हुआ है। मुख्यमंत्री के बेटे रामाराव, सुरेश रेड्डी के घर गए और उन्हें टीआरएस में शामिल होने का निमंत्रण दिया। बाद में रामाराव के साथ संवाददाताओं से बातचीत करते हुए रेड्डी ने कहा कि वह तेलंगाना के विकास में भागीदारी के लिए टीआरएस में शामिल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना में टीआरएस के शासन के दौरान काफी विकास हुआ है और कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत हुई है। इस समय को बहुत ही महत्वपूर्ण बताते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर राज्य में विकास कार्य जारी रखने हैं, तो टीआरएस को सत्ता में आना चाहिए।
निजामाबाद जिले के रहने वाले सुरेश रेड्डी आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए बालकोंडा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार चुने गए। उन्होंने 2009 में अरमूर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
सुरेश रेड्डी इसी निर्वाचन क्षेत्र से फिर 2014 में हार गए।
टीआरएस ने गुरुवार को जिन 105 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की उनमें बालकोंडा व अरमूर शामिल हैं। ऐसे में सुरेश रेड्डी को टीआरएस से टिकट मिलने की उम्मीद बहुत कम है। रामाराव ने कहा कि रेड्डी को पार्टी में उपयुक्त स्थान दिया जाए।
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