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सवर्ण आरक्षण को लेकर तेजस्वी यादव का मोदी सरकार पर हमला, कहा- नोटबंदी जैसा होगा हश्र

तेजस्वी ने गुरुवार को सवर्णों को दिए जाने वाले इस आरक्षण का विरोध करते हुए लिखा कि जातिवादी मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में लागू किए गए इस आरक्षण का हश्र नोटबंदी जैसा ही होगा.

Updated on: 24 Jan 2019, 11:29 PM

पटना:

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षण संस्थानों में आर्थिक रूप से गरीब तबकों को 10 फीसदी आरक्षण लागू किए जाने के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने अभियान छेड़ दिया है. तेजस्वी ने गुरुवार को सवर्णों को दिए जाने वाले इस आरक्षण का विरोध करते हुए लिखा कि जातिवादी मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में लागू किए गए इस आरक्षण का हश्र नोटबंदी जैसा ही होगा. बता दें कि सरकार ने संविधान (124वां संशोधन) विधेयक 2019 को संसद में दोनों पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद सवर्ण आरक्षण को लागू करना शुरू कर दिया है. जिसके बाद बिहार सहित कई अन्य राज्यों ने जल्द लागू करने का फैसला किया है.

तेजस्वी यादव ने एक के एक बाद एक ट्वीट कर आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले इस 10 फीसदी आरक्षण का विरोध किया. उन्होंने लिखा, 'हम सवर्ण आरक्षण लागू करने के तरीके का विरोध कर रहे हैं. बिना किसी पद्धति, जांच, आयोग, सर्वे और सर्वेक्षण के इन्होंने मात्र चंद घंटों में संविधान से छेड़छाड़ कर संशोधन कर दिया. जातिवादी मोदी सरकार द्वारा जल्दबाज़ी में लागू किए गए इस आरक्षण का हश्र नोटबंदी जैसा ही होगा.'

उन्होंने लिखा, 'देश के बहुजन वर्षों से 50 फीसदी आरक्षण की सीलिंग बढ़ाने की मांग कर रहे थे लेकिन अन्यायी जातिवादियों ने नहीं बढ़ाया और ना ही बढ़ने दिया लेकिन सवर्ण आरक्षण बिन मांगे चंद घंटों में दे दिया. नागपुरिए जातिवादियों को आपके वोट से डर नहीं लगता. समझिये, ये आरक्षण समाप्ति की शुरुआत है.'

उन्होंने सरकार की नियति पर सवाल उठाते हुए लिखा, 'बताइये, 8 लाख सालाना यानी 66,666 रू महीने में कमाने वाला गरीब कैसे हुआ? अजीब गणित है भाई? 8 लाख सालाना कमाने पर आपको 20% टैक्स यानि 72,500 रू सालाना टैक्स देना पड़ रहा है. जो व्यक्ति 72,500 रुपये टैक्स देता है सरकार उसे गरीबी का आरक्षण दे रही है. वाह रे विद्वानों! वाह मोदी जी वाह!'

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उन्होंने लिखा, 'वो दूसरों की हकमारी भी करेंगे और वर्ण व्यवस्था में खुद को दूसरों से श्रेष्ठ भी समझेंगे. दूसरों का सामाजिक तिरस्कार भी करेंगे. उनकी जात का मजाक बनाएंगे. शोषण करेंगे लेकिन समानता का अधिकार नहीं देंगे. उनकी जाति की भी गणना नहीं करेंगे और ना ही होने देंगे. वो असमानता के पक्षधर है.'

उन्होंने आरक्षण विरोधियों पर हमला करते हुए लिखा, 'आरक्षण विरोधी पहले मेरिट-मेरिट चिल्लाते थे आरक्षण को भीख कहते थे. अब बहुत खुश हैं. ये दोहरापंथी नहीं चलेगी. या तो आप ये मानिए कि आप जातिवादी है और योग्य व प्रतिभाशाली दलित-पिछड़ो की हकमारी में लगे हैं या फिर ये मानिए की आप सामाजिक श्रेष्ठता के आधार पर आरक्षण के सबसे बड़े अधिकारी है.'

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उन्होंने लिखा, 'वो पद का दुरूपयोग कर आपकी जाति भी नहीं गिनने देंगे और अपनी जाति भी नहीं गिनेंगे क्योंकि इससे उनकी पोल खुल जाएगी कि कैसे मुट्ठी भर लोगों ने देश के सभी क्षेत्रों और संसाधनों पर जातीय बाहुबल और ठगी के दम पर कब्जा जमा रखा है. हमने लड़ाई ठान ली है अब चाहे जेल जाए या गोली लगे. लड़ेंगे.'

उन्होंने लिखा, ''बेरोजगारी हटाओ, आरक्षण बढ़ाओ' अब आर-पार लड़ाई होगी. निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करना होगा. आरक्षण बढ़ाकर 90% करना होगा, करना होगा.'

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