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तेजस मामला: खराब नहीं था खाना, एसी कोच में दो बच्चों की उलटी से शुरू हुई यात्रियों में बेचैनी

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यह बात तेजस फूड पॉइजनिंग मामले की जांच के बाद सामने आई है। सेंट्रल रेलवे की टीम की ओर से आई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि खाना 'संतोषजनक' था।

Updated on: 16 Oct 2017, 10:14 PM

नई दिल्ली:

तेजस एक्सप्रेस में 'खराब खाने' की बात से इंकार करते हुए रेलवे ने कहा है कि एसी कोच में दो बच्चों की उलटी के बाद कोच में बेचैनी शुरू हुई और लोग बीमार हुए।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यह बात तेजस फूड पॉइजनिंग मामले की जांच के बाद सामने आई है। सेंट्रल रेलवे की टीम की ओर से आई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि खाना 'संतोषजनक' था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यात्रियों में 'बेचैनी' के केस का पहला मामला दो बच्चों की उलटी के बाद आया। यह बच्चे हिमाचल प्रदेश के एक टूरिस्ट ग्रुप के थे।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'उलटी के बाद इसकी गंध से दूसरे लोगों में बेचैनी शुरू हुई और फिर दो और बच्चों ने उलटी की। इसके बाद उन बच्चों के माता-पिता भी बेचैनी महसूस करने लगे।'

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रिपोर्ट के अनुसार 'इस दौरान सी-1, सी-2, सी-5, सी-7 कोच के यात्री भी इस कोच से गुजरे और बेचैनी की शिकायत की।'

बता दें कि रविवार की घटना के बाद जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी। इसमें सीनियर रेलवे अधिकारी और आईआरसीटीसी अधिकारियों को शामिल किया गया था।दरअसल, गोवा से मुंबई जा रही तेजस एक्सप्रेस में नाश्ते के बाद 26 यात्री बीमार हो गए थे।

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