logo-image

तमिलनाडु: 11 लोगों की मौत के बाद कॉपर स्मेलटर के निर्माण पर मद्रास हाई कोर्ट ने लगाई रोक

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट के द्वारा नए कॉपर स्मेलटर के निर्माण पर मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच बुधवार को अंतरिम आदेश देगी।

Updated on: 23 May 2018, 01:40 PM

तूतीकोरिन:

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट के नए कॉपर स्मेलटर के निर्माण पर मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने अंतरिम रोक लगा दी है।

तूतीकोरिन में कॉपर स्मेलटर के निर्माण को बंद कराने की मांग को लेकर मंगलवार को हुए भारी प्रदर्शन में पुलिस की गोलीबारी में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।

तूतीकोरिन के आस-पास के लोग करीब तीन महीनों से इस कंपनी को बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

कंपनी के कॉपर स्मेलटर के निर्माण से फैलने वाले धुएं के कारण पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है।

लोगों का कहना है कि इस प्लांट की वजह से वायु प्रदूषण काफी ज्यादा फैल रहा है। स्थानीय लोग कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं और भू-जल का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बिना उकसावे के ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल का प्रयोग किया और फायरिंग कर दी।

प्रदर्शनकारियों की मौत को तमिलनाडु के विपक्षी पार्टी के नेताओं ने पुलिस का अत्याचार बताया है।

राज्य सरकार ने कहा है कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेगी। घटनास्थल पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आस-पास के जिलों से पुलिस को भेजा गया है।

गोलीबारी में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताते हुए राहुल गांधी ने इसे 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' बताया।

उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु में स्टरलाइट के विरोध प्रदर्शन के दौरान 9 लोगों को गोली मार देना, राज्य प्रायोजित आतंकवाद का क्रूर उदाहरण है। न्याय की मांग कर रहे लोगों की हत्या की गई है। मेरी संवेदनाएं इस घटना में मारे गए लोगों के परिवार वालों के साथ है।'

घटना की निंदा करते हुए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा कि पुलिस ने अत्याचार किया है।

अभिनेता से नेता बने कमल हासन और रजनीकांत ने भी इस घटना की निंदा की है।

मक्काल नीति मय्याम के प्रमुख कमल हासन ने कहा, '(स्टरलाइट कॉपर के) विस्तार की इजाजत ही नहीं दी जानी चाहिए थी। अगर संभव है तो इस इकाई को बंद करना ही अच्छा होगा। आवासीय और कृषि क्षेत्र के समीप प्लांट लगाने का कोई औचित्य नहीं है।'

रजनीकांत ने कहा, 'यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार जिसने इस प्लांट की अनुमति दी थी, वह क्यों कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और क्यों केवल मूकदर्शक बनी हुई है।'

और पढ़ें: कर्नाटक: कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में दिखेगी विपक्ष की एकता