logo-image

एम्स निदेशक का खुलासा, उपवास तोड़ना चाहते थे स्वामी सानंद पर तोड़ने नहीं दिया गया

वैज्ञानिक से संत बने स्वामी ज्ञान स्वरूप सानन्द उर्फ जीडी अग्रवाल की मौत की एक बड़ी वजह सामने आई है. ऋषिकेश एम्स के निदेशक रविकान्त ने मातृ सदन पर स्वामी सानंद को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है.

Updated on: 12 Oct 2018, 01:55 PM

नई दिल्ली:

वैज्ञानिक से संत बने स्वामी ज्ञान स्वरूप सानन्द उर्फ जीडी अग्रवाल की मौत की एक बड़ी वजह सामने आई है. ऋषिकेश एम्स के निदेशक रविकान्त ने मातृ सदन पर स्वामी सानंद को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है.

एम्स निदेशक रविकान्त ने बताया कि इलाज के दौरान स्वामी सानंद तो उपवास तोड़ना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार से बाहर के लोगों ने उन्हें उपवास नहीं तोड़ने दिया. उन्होंने एम्स निदेशक ने स्वामी सानंद की मौत पर मातृ सदन के सन्देह पर कहा कि अगर आप हम पर शक करेंगे तो आपको अपने माता-पिता पर भी सन्देह करना पड़ेगा.

स्वामी सांनद को हाई ब्लड प्रेशर के साथ ही एंटीक वॉल के डिसऑर्डर की प्रॉब्लम थी. उन्हें हर्निया भी था. बुधवार की शाम को जब वह एम्स में भर्ती हुए थे तो उनके यूरिन में कीटोन थे. इन सभी बीमारियों का एक साथ होने के कारण उन्हें दिल का दौरा पड़ा.

गंगा सफाई के लिए 112 दिनों से अनशन कर रहे 'स्वामी सानंद' का निधन, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर उठाये सवाल

इससे पहले मातृ सदन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने आरोप लगाया था कि सानंद ने गुरुवार को ही एक केंद्रीय मंत्री के इशारे पर अपनी हत्या किए जाने की उनसे आशंका जताई थी. शिवानंद ने कहा कि उन्होंने सानंद को ऋषिकेश एम्स के बजाय दिल्ली एम्स में भर्ती किए जाने की मांग की थी क्योंकि स्वामी सानंद ने एम्स को पिछले दिनों रिसर्च के लिए अपनी बॉडी दान करने की घोषणा कर दी थी.