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बाबा रामदेव का सीताराम येचुरी को जवाब - कम्युनिस्टों, ईसाइयों और मुगलों ने न्याय व कानून के नाम पर 50 करोड़ निर्दोषों का कत्ल किया, देखें वीडियो

रामदेव ने कहा कि भारत की संस्कृति और उसकी सभ्यता हजारों हजार साल पुरानी है.

Updated on: 04 May 2019, 12:31 PM

नई दिल्ली:

योग गुरु स्वामी रामदेव ने शनिवार को हरिद्वार में एक कार्यक्रम में पहुंचकर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी पर हमला बोला. रामदेव ने कहा कि भारत की संस्कृति और उसकी सभ्यता हजारों हजार साल पुरानी है. लेकिन उस पर जो अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी सीताराम येचुरी ने की है उसके लिए पूरा भारत आक्रोशित है. बाबा रामदेव ने सीता राम येचुरी पर हमला करते हुए कहा, कि यह कितना बड़ा दुस्साहस है कि उनका खुद का नाम सीता है. इसके बावजूद उन्होंने माता सीता और मर्यादा पुरुषोत्तम राम को हिंसक बताया उन्होंने कहा यह सहिष्णुता के खिलाफ है.

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रामदेव ने कहा कि यदि उनको इतनी ही दिक्कत है तो वह अपने नाम से सीता और राम हटा कर रावण या कंस के नाम से या औरंगजेब के नाम से बावर के नाम से रख लेना चाहिए.

बाबा रामदेव ने कहा कि अपनी गलती के लिए सीताराम येचुरी को माफी मांगनी चाहिए. इसके अलावा बाबा रामदेव ने कम्युनिस्टों, ईसाइयों व मुगलों पर अपने राज्य के विस्तार के लिए न्याय व कानून के नाम पर 50 करोड़ निर्दोष लोगों का कत्ल करने की बात कही. उन्होंने कहा कि क्या सीता राम येचुरी इस बात को कहने का दुस्साहस करेंगे कि कम्युनिस्ट लोग हिंसक होते हैं. क्या वह यह कहने का दुस्साहस करेंगे कि ईसाई लोग क्रूर होते हैं.   

गौरतलब है कि माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है रामायण और महाभारत भी लड़ाई और हिंसा से भरी है. लेकिन एक प्रचारक के तौर पर उसे केवल एक महाकाव्य बताया जाता रहा हैं. उन्होंने कहा यह दावा करना ठीक नहीं है कि हिंदू हिंसक नहीं हो सकते. माकपा के महासचिव ने कहा रामायण और महाभारत हिंसा के उदाहरणों से भरे पड़े हैं. इस के बाद यह कहना ठीक नहीं हैं कि हिंदू अहिंसक हैं. उन्होंने कहा वह इस तर्क पर भरोसा नहीं करते जबकि इसके तमाम उदाहरण सामने हैं. 

माकपा महासचिव ने इससे पहले साध्वी प्रज्ञा को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला था. उन्होंने साध्वी की उम्मीदवारी को हिंदू वोटरों को एकजुट करने की कवायद करार दिया था. येचुरी ने कहा था कि भाजपा इस चुनाव में 50 फीसदी सीटें भी बचाने में असफल रहने वाली है. इसलिए वह हर तरह से प्रयास कर हिंदू वोटरों का ध्रुवीकरण करने में जुटी है.