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GST के 80 लाख छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत, रिटर्न दाखिल करने में मिली छूट

दिल्ली में हुई बैठक में डेढ़ करोड़ से कम टर्नओवर वाले करीब 80 लाख व्यापारियों को बड़ी राहत दी गई है।

Updated on: 21 Jul 2018, 08:19 PM

नई दिल्ली:

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की शनिवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में डेढ़ करोड़ से कम टर्नओवर वाले करीब 80 लाख व्यापारियों को बड़ी राहत दी गई है। ऐसे करदाता अब टैक्स का भुगतान तो हर महीने करेंगे, मगर इन्हें त्रैमासिक रिर्टन दाखिल करने की सुविधा होगी। ऐसे करदाताओं की संख्या कुल करदाताओं की 93 प्रतिशत है। इन छोटे डीलरों से कुल राजस्व का 16 प्रतिशत की प्राप्ति होती है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री तथा रिटर्न सरलीकरण के लिए गठित मंत्री समूह के संयोजक सुशील कुमार मोदी की पहल पर जीएसटी काउंसिल ने शनिवार को दिल्ली में हुई बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया।

बैठक के बाद मोदी ने बताया, 'निम्न व मध्यम वर्गीय महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जीएसटी काउंसिल ने सेनेटरी नैपकिन तथा भगवान की मूर्तियों को करमुक्त करने का निर्णय लिया है। सेनेटरी नैपकिन पर पहले 12 प्रतिशत कर था'

पिछले दिनों गुवाहाटी में हुई काउंसिल की बैठक में भी 500 की जगह 1000 रुपये से कम मूल्य के जूते पर 12 से घटाकर पांच प्रतिशत व पेंट, रेफ्रिजरेटर, वैक्यूम क्लीनर, 25 इंच तक की टीवी सेट आदि एक दर्जन इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों पर 28 से घटा कर 18 प्रतिशत कर करने के लिए मोदी ने काउंसिल को धन्यवाद दिया है।

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मोदी ने कहा, 'इसके अलावा कम्पोजिशन डीलर के टर्नओवर की सीमा एक करोड़ से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ तथा डेढ़ करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले करदाताओं के लिए एक सरल रिटर्न की स्वीकृति जीएसटी काउंसिल ने दी है जो अधिकतम दो पेज का होगा। काउंसिल ने दाखिल किए गए रिटर्न में संशोधन के प्रावधान की अनुशंसा भी की है।'

क्षतिपूर्ति सेस की राशि पांच साल के बाद केंद्र व राज्यों में बांटने के पूर्व के प्रावधान को संशोधन करते हुए बीच की अवधि में भी बांटने तथा आईजीएसटी कोष (अंतर राज्यीय खरीद से एकत्र राशि) में समंजन के अभाव में बड़ी राशि को भी केंद्र, राज्यों में बांटने की स्वीकृति जीएसटी काउंसिल ने दी है।

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