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सर्जिकल स्ट्राइक पर संग्राम: कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी का पलटवार, कहा सेना का मनोबल तोड़ने वाला बयान, पढ़ें किसने क्या कहा...

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के इस बयान का मक़सद क्या भारतीय सेना का मनोबल गिराना है। हमें राजनीति से ऊपर उठकर बात करनी चाहिए।

Updated on: 28 Jun 2018, 03:00 PM

नई दिल्ली:

सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो आउट होने के बाद से राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है। गुरुवार सुबह कांग्रेस ने मोदी सरकार पर सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। जिसके बाद सत्ता के गलियारे में हलचल मच गई।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के इस बयान का मक़सद क्या भारतीय सेना का मनोबल गिराना है। हमें राजनीति से ऊपर उठकर बात करनी चाहिए।

रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'कांग्रेस के इस बयान से पाकिस्तान के आतंकवादी सबसे ज़्यादा ख़ुश होंगे। जल्द ही पाकिस्तान के कुछ आतांकी संगठन कांग्रेस को प्रमाणपत्र भी दे देंगे जैसे कि कुछ दिनों पहले लश्कर-ए-तैयबा ने कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद को दी थी।'

केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू बोले, अलगाववादी वाली भाषा बोल रही कांग्रेस

इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा, 'हैरानी होती है, जिस कांग्रेस ने 5 दशकों तक देश पर राज किया वो आज उसी भाषा में बात कर रही है जैसे अक्सर अलगाववादी और पाकिस्तान बोलते हैं। कांग्रेस ने पहले सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत देने को कहा और जब वो बाहर आ रहा है तो वो कह रहे हैं कि हमलोग इसे राजनीतिक प्रचार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।'

सुब्रह्मण्यम स्वामी बोले अंगूर नहीं मिले तो खट्टे हैं

वहीं बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा, 'सिर्फ इसलिए क्योंकि कांग्रेस के पास ऐसा कोई वीडियो नहीं है इसका यह मतलब कतई नहीं है कि हमें भी ऐसा नहीं करना चाहिए। यह वीडियो लोगों की भावना को बीजेपी के पक्ष में कैसे करेगा? अगर आपके समय में भी ऐसा कुछ हुआ है तो आपने क्यों छुपा रखा है। कहावत है न कि नहीं मिले तो अंगूर खट्टे हैं।'

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कांग्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक लाभ लेने का लगाया आरोप

बता दें कि गुरुवार सुबह कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस के ज़रिए बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, 'सत्ताधीन सरकार को यह याद रखना चाहिए कि भारतीय सेना की शहादत को वोट मांगने का ज़रिया नहीं बनाया जा सकता। शहादत सेना ने दी लेकिन महिमामंडन मोदी जी का हो रहा है।'

सुरजेवाला ने आगे कहा, "मोदी सरकार 'जय जवान, जय किसान' नारे और सर्जिकल स्ट्राइक का लाभ लेते हुए लोगों का वोट पाना चाह रही है। देश उनसे जानना चाहता है कि इससे पहले क्या पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह भी अपने कार्यकाल के दौरान सैन्य उपलबिध्यों को लेकर इसी तरह से शेखी बघारते थे जैसा कि वो कर रहे हैं?"

सुरजेवाला ने देश को आगाह करते हुए कहा, 'देश को सावधान रहने की ज़रुरत है क्योंकि मोदी सरकार जब भी असफल होती नज़र आती है, जब भी अमित शाह की बीजेपी पिछड़ती नज़र आती है वो सेना की वीरता का अपने राजनीतिक फ़ायदों के लिए दुरुपयोग करने लगते हैं।'

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सरकार की विश्वसनीयता गिरी तभी सबूत में दिखाने पड़ रहे हैं वीडियो: अरुण शौरी

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण शौरी ने सर्जिकल स्ट्राइक को 'फर्जिकल स्ट्राइक' बताने पर सफ़ाई देते हुए कहा"मुझे सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने को लेकर कभी कोई संदेह नहीं रहा है। लेकिन अगर इसका प्रयोग प्रोपेगेंडा फैलाने और अपनी शेखी बघारने जैसे- 'यह कहना कि मेरा सीना 56 इंच का है और मैने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है' ग़लत है।"

शौरी ने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल का ज़िक्र करते हुए कहा, 'अगर उनके समय में ऐसा कुछ हुआ होता और लोग उनसे पूछते कि क्या वाक़ई में ऐसा हुआ है? तो वो अपनी पलके झपका कर कहते- क्या सच में सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था? आज लोगों के बीच में सरकार की विश्वसनीयता इतनी गिर गई है कि उन्हें सबूत के तौर पर वीडियो दिखाना पड़ रहा है।'

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