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सर्जिकल स्ट्राइक के 'हीरो' लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने कांग्रेस में शामिल होने की खबरों को किया खारिज

उरी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान रहे कमांडिंग ऑफिसर लेफि्टनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने कांग्रेस में शामिल होने वाले बयान को सिरे से खारिज कर दिया है.

Updated on: 22 Feb 2019, 09:37 AM

नई दिल्ली:

उरी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान रहे कमांडिंग ऑफिसर लेफि्टनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने कांग्रेस में शामिल होने वाले बयान को सिरे से खारिज कर दिया है. हुड्डा ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, 'मैं कांग्रेस पार्टी में शामिल नहीं हो रहा हूं. जिसमें कहा जा रहा था कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर टास्क फोर्स का गठन किया है और टास्क फोर्स की अगुआई लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) डीएस हुड्डा करेंगे.' डीएस हुड्डा साल 2016 में हुए उरी हमले के समय उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ थे.

बता दें कि गुरुवार को खबरें सामने आई थी कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सेना के एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन करने जा रहे हैं. यह जानकारी गुरुवार को कांग्रेस ने दी थी. टास्क फोर्स की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल डी. एस. हुड्डा (सेवानिवृत्त) करेंगे और विशेषज्ञों के चयनित समूह के परामर्श से देश के लिए एक विजन दस्तावेज तैयार किया जाएगा. लेकिन उन्होंन अपने बयान के बाद सभी अटकलों पर रोक लगा दी है.

गौरतलब है कि डीएस हु्ड्डा की अगुवाई में ही पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी, जो उस समय उत्तरी आर्मी कमांडर थे. कुछ महीने पहले ही रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ने सर्जिकल स्ट्राइक के प्रचार किए जाने की आलोचना की थी. डीएस हुड्डा ने कहा था कि पाकिस्तान पर ये हमला जरूरी था, लेकिन वो नहीं मानते कि इसका अधिक प्रचार किया जाना चाहिए. हालांकि उस वक्त आर्मी प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने डीएस हुडा के बयान को निजी विचार बताया था.