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सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के निदेशकों को लगाई कड़ी फटकार, कहा- स्मार्ट बनने की कोशिश की तो कर देंगे बेघर

सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिनों के अंदर आम्रपाली ग्रुप के सभी डायरेक्टर का चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा मांगा है, ताकि उन्हें बेचकर अधूरे प्रोजेक्ट का निर्माण किया जा सके।

Updated on: 08 Aug 2018, 09:24 PM

नई दिल्ली:

'आप कोर्ट के साथ स्मार्ट बनने की कोशिश ना करें वर्ना हम आप को बेघर कर देंगे...' सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी रियल एस्टेट फर्म आम्रपाली को फटकार लगाते हुए की।

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने कहा कि असल दिक्कत यह है कि आम्रपाली ने खरीददारों को अपने घरों का कब्जा देने में देरी की है, आप कोर्ट के साथ ज्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश ना करें वरना हम आपकी एक एक प्रॉपर्टी को बेच देंगे और आप को बेघर कर देंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिनों के अंदर आम्रपाली ग्रुप के सभी डायरेक्टर का चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा मांगा है, ताकि उन्हें बेचकर अधूरे प्रोजेक्ट का निर्माण किया जा सके। इसके अलावा अदालत ने आम्रपाली प्रोजेक्ट के अंदर मेंटेनेंस का काम देख रही कंपनियों की जानकारी मांगी है और पूछा है कि उन्होंने अभी तक कितना फंड हासिल किया है और उसका कितना इस्तेमाल हुआ है।

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इसके आलावा कोर्ट ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिया है कि सिलिकॉन सिटी और जुड़ियाक प्रोजेक्ट में जिन टॉवरों की बिजली का कनेक्शन काटा गया है, उसे तुरंत जोड़ा जाए।

पिछली सुनवाई में NBCC ने कोर्ट को बताया था कि आम्रपाली ग्रुप के उन तमाम प्रोजेक्ट को टेकओवर करने के लिए तैयार है, जिसके पूरे होने का इतंजार 42 हज़ार लोगों को है।

कोर्ट ने आम्रपाली से कहा था कि वो 30 दिन के अंदर विस्तृत प्लान पेश करे। निर्माण कार्य कब तक पूरा होगा, प्लान में इसकी जानकारी दे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के ऑडिटर को कहा कि वो आम्रपाली ग्रुप की सभी कंपनियों के सभी खातों को ऑडिट करे और खरीददारों के 2675 करोड़ रुपये, दूसरे कामों में लगाए गए है, उसको लेकर रिपोर्ट पेश करे।

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