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उमा भारती ने कहा- मुसलमानों का धार्मिक स्थल मक्का है न कि अयोध्या, SC के फैसले पर पढ़ें राजनेताओं की प्रतिक्रिया

एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी नाखुशी जताते हुए कहा कि यह अच्छा होता कि इस मुद्दे को संवैधानिक बेंच के पास भेजा जाता।

Updated on: 27 Sep 2018, 08:58 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद (अयोध्या केस) मामले को बड़ी संवैधानिक बेंच के पास भेजे जाने की याचिका 2-1 के बहुमत से खारिज कर दी और निर्णय लिया कि नई गठित तीन सदस्यीय बेंच 29 अक्टूबर से इस मामले की सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने 'मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं' के बारे में कोर्ट के 1994 के फैसले को फिर से विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से गुरुवार को इनकार कर दिया. जस्टिस अशोक भूषण ने खुद और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की ओर से फैसले को पढ़ते हुए कहा, 'मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेजे जाने का कोई मामला नहीं बनता.' हालांकि जस्टिस अब्दुल नजीर ने मामले को बड़ी संवैधानिक पीठ के पास भेजे जाने की पैरवी की.

मामले में गुरुवार को न्यायाधीशों के बहुमत के फैसले में कहा गया कि नई गठित की जाने वाली पीठ 29 अक्टूबर से हिंदू और मुस्लिम हितधारकों की ओर से पेश याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इन याचिकाओं के माध्यम से 2010 के फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें विवादास्पद स्थल को तीन भागों राम लला, निर्मोही अखाड़ा और मुस्लिम पक्षकार के बीच बांटने का फैसला सुनाया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं

केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने फैसले पर कहा कि यह धार्मिक विवाद का मामला नहीं है। यह हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धामिक स्थल है क्योंकि यह राम जन्मभूमि है। लेकिन मुस्लिमों के लिए यह धार्मिक जगह नहीं है, उनके लिए मक्का है। इस मामले को पैदा किया गया था और अंतत: यह एक जमीन विवाद में बदल गया।

राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यण स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, 'आज का फैसला अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बने अस्थायी मंदिर में पूजा करने के मौलिक अधिकार और मंदिर के निर्माण के लिए उनके अपील का रास्ता तैयार करेगा।'

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (सहित) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई नेताओं ने स्वागत किया है। आरएसएस ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अयोध्या विवाद पर जल्द फैसले पर पहुंचा जाएगा।

वहीं इस मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी नाखुशी जताते हुए कहा कि यह अच्छा होता कि इस मुद्दे को संवैधानिक बेंच के पास भेजा जाता। इसके अलावा मुझे डर है कि देश में धर्मनिरपेक्षता के शत्रु इस फैसले का इस्तेमाल अपने वैचारिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह देश के लिए सही होगा कि रामजन्म भूमि विवाद को जल्द निपटाया जाय। योगी ने कहा, 'देश का बहुसंख्यक चाहता है कि इसका जल्द से जल्द समाधान निकले। हम अपील करते हैं कि इस मामले का निपटारा जल्द से जल्द निकाला जाना चाहिए।'

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वहीं इस फैसले पर बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा कि इस निर्णय ने मुख्य मामले में जल्द फैसले का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि उच्चतम पीठों के पास भेजे जाने की याचिका पर रोक लगा दी गई है। इस मामले में कुछ भी चर्चा योग्य नहीं बचा है। कटियार ने कहा, 'हमारी लड़ाई मंदिर या मस्जिद को लेकर नहीं है। हमारी लड़ाई राम की जन्मभूमि को लेकर है। इसलिए हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द फैसला सुनाया जाए, ताकि राम मंदिर का निर्माण शुरू हो सके।'