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ब्लू व्हेल गेम: सुप्रीम कोर्ट ने माना 'राष्ट्रीय समस्या', सभी चैनल प्राइम टाइम प्रोग्राम में फैलायें जागरुकता

देश में एक के बाद एक हाल के दिनों में आए खूनी ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल चैलेंज से जुड़े मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा ब्लू व्हेल गेम एक राष्ट्रीय समस्या है।

Updated on: 27 Oct 2017, 02:45 PM

नई दिल्ली:

देश में खूनी ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल चैलेंज से जुड़े मामलों पर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यह गेम अब राष्ट्रीय समस्या का रूप ले चुका है।

कोर्ट ने कहा,'ब्लू व्हेल गेम एक राष्ट्रीय समस्या के रूप में उभरा है और दूरदर्शन समेत सभी निजी चैनलों को प्राइम टाइम में इस गेम को लेकर जागरूकता भरे कार्यक्रम दिखाने चाहिए।'

मामले कि सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खनविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की बेंच कर रहा है। ब्लू व्हेल चैलेंज पर बैन लगाने की याचिका एक वकील एन एस पोन्नैया ने दाखिल की है।

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आपको बता दें कि इससे पहले याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीन हफ्ते में इस पर केंद्र सहित तमाम राज्य सरकारों से विस्तृत जवाब मांगा था, जिस पर जवाब देते हुए केंद्र ने कहा कि इस मामले के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो 3 हफ्तों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

गौरतलब है कि इस ऑनलाइन गेम के कारण अब तक दुनिया में 200 से ज्यादा लोग खुदकुशी कर चुके हैं। याचिकाकर्ता पोन्नैया ने अपनी याचिका में कहा है कि वह चाहते हैं कि तत्काल इस गेम पर बैन लगाया जाए और साथ ही जागरूकता भी फैलाने का काम हो।

याचिकाकर्ता के मुताबिक अभी तक केंद्र सरकार ने इस गेम के खतरों से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।

आपको बता दें ब्लू व्हेल एक ऐसा ऑनलाइन खेल है जिसमें हर दिन टास्क दिए जाते हैं। ये गेम पूरे 50 दिन अलग-अलग खतरनाक टास्क देता है और आखिरी टास्क के तौर पर यह खेल सुसाइड करने के लिए कहता है।

इस गेम का इजाद रूस से एक मनोविज्ञान के एक छात्र फिलिप बुडेकिन ने किया था।

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