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रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका की खारिज, झूठा प्रमाण पत्र देने के आरोप में मामला दर्ज़ करने का दिया आदेश

नाबालिग से रेप करने के आरोप में जेल में बंद आसाराम की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया।

Updated on: 30 Jan 2017, 01:19 PM

नई दिल्ली:

रेप के दो मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू की जमानत याचिका को खारिज कर दी है। नाबालिग से रेप करने के आरोप में जेल में बंद आसाराम की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया। साथ ही स्वास्थ्य से जुड़े फर्जी प्रमाण पत्र कोर्ट को देने पर आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ-साथ एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट से साफ है कि आसाराम का स्वास्थ्य बिलकुल ठीक है। दरअसल आसाराम ने बीमारियों का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की ओर से अपने स्वास्थ्य से जुड़े फर्जी प्रमाण पत्र पेश करने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने झूठी मेडिकल रिपोर्ट देने के आरोप में उन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और मामला दर्ज़ करने का निर्देश भी दिया है।

कोर्ट ने इस मामले में आसाराम की माफी को भी खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि आसाराम ने खुद ही बिना कोई कारण बताए एमआरआई कराने से इनकार कर दिया था। सरकार ने भी आसाराम की जमानत का विरोध किया था।

पिछले साल जुलाई में भी आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट से बीमारी के आधार पर अंतिरम जमानत देने की मांग की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को दिल्ली के एम्स में उनके स्वास्थ्य की जांच कराने का आदेश दिया था।

एम्स की मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में गंभीर बीमारी से इनकार किया गया था और सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2016 में जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।

आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 में गिरफ्तार किया था और तभी से वह जेल में है। एक किशोरी ने आसाराम पर आरोप लगाया था कि उन्होंने जोधपुर के निकट स्थित मनाई गांव में बने आश्रम में उसका यौन उत्पीड़न किया था।