logo-image

SC Aadhaar Verdict: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, आधार कार्ड संवैधानिक तौर पर सही

आधार कार्ड से लोगों की निजता का हनन होता है या नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज फैसला सुनाते हुए कहा कि आधार कार्ड पूरी तरह सुरक्षित है।

Updated on: 26 Sep 2018, 01:11 PM

नई दिल्ली:

आधार कार्ड से लोगों की निजता का हनन होता है या नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज फैसला सुनाते हुए कहा कि आधार कार्ड पूरी तरह सुरक्षित है. कोर्ट ने कहा कि यह दूसरे आईडी कार्ड से अलग है. कोर्ट का कहना है कि आधार कार्ड डुप्लीकेट नहीं तैयार किया जा सकता. सरकारी योजनाों को आधार कार्ड के माध्यम से अच्छी तरह से लागू किया जा सकता है.  आधार कार्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोर्ट की तरफ से यह फैसला सुनाया गया. करीब 30 याचिकाओं पर 38 दिन तक चली सुनवाई के बाद चीफ जुस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

याचिकाकर्ताओं की दलील
याचिकाकर्ताओं की मुख्य दलील है कि आधार कार्ड बनाने के लिए बायोमेट्रिक्स जुटाना सीधे सीधे निजता के अधिकार का हनन है. अगर कोई अपना फिंगर प्रिंट नहीं देना चाहता तो सरकार उसे आखिर कैसे बाध्य कर सकती है? इस योजना के बाद सरकार सर्वशक्तिमान नज़र आती है। लोगों के नागरिक अधिकारो का कोई मतलब नही रह जाता. याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुनवाई के दौरान डेटा लीक की आशंका भी जताई. कहा-पूरा UIDAI 115 लोग और 38 सपोर्टिंग स्टाफ चला रहे हैं. कई बार UIDAI से आंकड़े लीक होने की खबरें आई हैं लंबे समय तक इकट्ठा डाटा किसी ख़ास व्यक्ति या समुदाय की प्रोफाइलिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल पॉलिटिकल ब्लैकमेलिंग के लिए किया जा सकता है. यह एक सर्विलांस स्टेट को जन्म देगा, जिसकी संविधान अनुमति नहीं देता है. यहां तक की संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी इसका शिकार हो सकते हैं. सैनिकों के डेटा लीक से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है.

ये भी पढ़ें: UIDAI ने आधार के बदले नियम, जानें कितना सुरक्षित हुआ आपका डाटा

सरकार का पक्ष

सरकार की ओर से अटॉनी जनरल ने दलीलें रखते हुए ये कहा था कि आधार से सरकारी योजनाओं का लाभ उसके असली हकदारों तक पहुंच रहा है. पहले बिचौलिये हज़ारों करोड़ रुपए खा जाते थे. 58% खाद्यान्न बीपीएल लोगों तक नहीं पहुँच पाते थे. 1.93 करोड़ राशन कार्ड फ़र्ज़ी पाये गए हैं. मनरेगा का 12% फण्ड फ़र्ज़ी खातों में जा रहा था. आधार से इन पर रोक लग पाएगी.

ये भी पढ़ें: आधार सॉफ्टवेयर हैक, कांग्रेस ने उठाए सवाल

नेशनल फूड सिक्योरिटी का लाभ जरूरतमंद लोगों को ही मिलना चाहिए और आधार इस उद्देश्य को पूरा करता है. अटॉनी जनरल के आलावा UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने भी कोर्ट रूम में आधार स्कीम से जुड़े तमाम पहलुओं को पावर प्वांइट प्रेजेंटेशन के जरिये रखा और ये साबित करने की कोशिश कि डेटा लीक को लेकर याचिकाकर्ताओं की आशंकाए निर्मूल है.