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सूचना आयोग में खाली पड़े पदों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- चार हफ्तों में नहीं मिला जवाब तो कड़ा रुख अपनाया जाएगा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग में खाली पड़े पदों को भरने के लिए चार हफ्तों के अंदर समय सूची का हलफनामा दायर करे।

Updated on: 27 Jul 2018, 01:29 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) में खाली पड़े पदों को भरने के लिए चार हफ्तों के अंदर समय सूची का हलफनामा दायर करे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अगर केंद्र या राज्य सरकार सीआईसी और एसआईसी में खाली पड़े पदों को भरने के लिए समय सूची का हलफनामा चार हफ्तों के अंदर दायर नहीं किया तो कड़ा रुख अपनाया जाएगा।'

केंद्रीय सूचना आयोग में खाली पड़े पदों को भरने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह इसे लेकर समय सूची के लिए हलफनामा दाखिल करे।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सूचना आयोग में लंबित पड़े मामलों पर चिंता जताई साथ ही राज्य सरकारों को भी चार हफ्तों के अंदर खाली पड़े पदों के भरने की समय सूची के लिए हलफनामा दायर करने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सीआईसी में चार पद खाली पड़े हैं और दिसंबर तक चार और पद बढ़ जाएंगे।

बता दें कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत इसके संरक्षण के लिए सरकार ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग का गठन किया था।

आरटीआई कानून में संशोधन करने जा रही है सरकार

बता दें कि केंद्र सरकार सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, 2005 में संशोधन करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। जिसके लिए आरटीआई (संशोधन) अधिनियम 2018 लाया जाना है।

आरटीआई अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन केंद्र सरकार को केंद्रीय सूचना आयोग के सूचना आयुक्तों के कार्यकाल, वेतन और भत्ते और राज्य सूचना आयोगों के निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाना चाहते हैं।

सूचना आयोग सूचना तक पहुंच के दावों पर निर्णय लेने वाले अंतिम अधिकारी होते हैं जो संविधान के तहत एक मौलिक अधिकार है।

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