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मेघालय हादसा: सुप्रीम कोर्ट कोयला खदान में फंसे मजदूरों याचिका पर आज करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट खदान में फंसे मजदूरों के बचाव के लिए पर्यापत उपकरण मुहैया करने के मामले में दायर याचिका की सुनवाई गुरूवार को करेगा.

Updated on: 03 Jan 2019, 12:21 AM

नई दिल्ली:

मेघालय में अवैध कोयला खदान में पिछले दो हफ्ते से फंसे 15 मजदूरों को बचाने का प्रयास जारी है. सुप्रीम कोर्ट खदान में फंसे मजदूरों के बचाव के लिए पर्यापत उपकरण मुहैया करने के मामले में दायर याचिका की सुनवाई गुरूवार को करेगा. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय कृष्ण कौल की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की. आदित्य एन प्रसाद की जनहित याचिका मेंरेस्क्यू ऑपरेशन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार करने के लिए केंद्र और संबंधित प्राधिकारियों को निर्देश दिए जाने की भी मांग की गई है. वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने ये मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया था.

13 दिसंबर से अवैध कोयला खदान में फंसे मज़दूरों के रेस्क्यू के लिए जद्दोजहत जारी है. कोयला खदान में पानी रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलें डाल रहा है. रविवार को गोताखोरों की टीम पहली बार खदान में उतरी थी लेकिन पानी ज्यादा होने के कारण ग्राउंड लेवल तक पहुंच नहीं पाई थी. NDRF ने मीडिया में आईं उन खबरों का खंडन किया था जिनमें कहा गया था कि खदान के भीतर से आ रही दुर्गंध के कारण यह आशंका जताई जा रही है कि वहां फंसे मजदूरों की मौत हो चुकी है. 

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इससे पहले  एनडीआरएफ की एक बचाव टीम ने कोयला खदान के मुख्य शाफ्ट में छानबीन की, फिर भी किसी मजदूर का पता नहीं लग सका. सीआईएल विभिन्न जगहों से अपने 100 हॉर्सपॉवर के उच्च क्षमता वाले सबमरसिबल पंप को हवाई मार्ग से गुवाहाटी हवाईअड्डे तक पहुंचाने की योजना बना रही है, जिसके बाद पंपों को सड़क मार्ग से पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के कसान गांव पहुंचाया जाएगा. 

मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और कोयला मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और खदान में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तुरंत केंद्रीय सहायता की मांग की.