logo-image

सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक पीठ को सौंंपा मोबाइल और बैंक खातों को आधार से जोड़े जाने का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने आधार को मोबाईल फोन और बैंक खाते से जोड़ने की अनिवार्यता पर केंद्र के फैसले पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

Updated on: 03 Nov 2017, 07:06 PM

highlights

  • मोबाइल फोन और बैंक खाते से जोड़ने की अनिवार्यता पर केंद्र के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार
  • सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले को संवैधानिक पीठ को सौंपा, नवंबर के आखिरी हफ्ते में होगी सुनवाई
  • सुप्रीम कोर्ट ने बैंक और टेलीकॉम कंपनियों को आदेश, कहा- मैसेज में बताएं आधार लिंकिंग की अंतिम तारीख

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने आधार को मोबाइल फोन और बैंक खाते से जोड़ने की अनिवार्यता पर केंद्र के फैसले पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार करते हुए पूरे मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेज दिया है। जिसपर नवंबर के आखिरी हफ्ते में सुनवाई होगी। 

साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने मोबाईल कंपनियां को निर्देश दिया कि मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करने के मैसेज में ये बताएं कि इसकी आखिरी तारीख 6 फरवरी 2018 है।

मोबाइल कंपनियों की तरह बैंकों को भी सुप्रीम कोर्ट ने यही निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा- एकाउंट को आधार से लिंक करने के मैसेज में बैंक बताएं कि इसकी आखिरी तारीख 31 दिसंबर है।

और पढ़ें: घर बैठे कर सकेंगे मोबाइल का आधार वेरिफिकेशन, प्रक्रिया होगी आसान

सुनवाई के दौरान जस्टिस ए के सिकरी ने टिप्पणी की कि 'मुझे भी मोबाइल पर आधार कार्ड से लिंक कराने के मैसेज मिल रहे हैं।'

सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने संकेत दिए कि बैंक एकाउंट को आधार कार्ड से लिंक करने की मियाद 31 मार्च तक बढ़ाई जा सकती है।

संवैधानिक पीठ के पास है आधार का अन्य मामला

30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि निजी जीवन में दखल देने और निजता के अधिकार का उल्लंघन करने के आरोपों को लेकर आधार कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पांच सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई करेगी।

और पढ़ें: मसूद पर रोड़ा अटका, अब भारत को रिझाने में लगा चीन

30 अक्टूबर को ही सब्सिडी पाने के लिए आधार से मोबाइल नंबर जोड़ने को लेकर केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की यचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई थी कि केंद्र सरकार द्वारा पारित किसी कानून को कोई राज्य सरकार कैसे चुनौती दे सकती है?

कोर्ट ने कहा था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 'व्यक्तिगत तौर पर' या एक 'नागरिक' के रूप में आधार कानून को चुनौती दे सकती हैं। ममता ने आधार को मोबाइल से जोड़े जाने के केंद्र के फैसले का विरोध किया है।

और पढ़ें: ममता बनर्जी बोलीं, चाहे फोन कनेक्शन काट दो, आधार से नहीं जोड़ूंगी