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शराब कारोबारी विजय माल्या दोषी करार, सुप्रीम कोर्ट का आदेश- 10 जुलाई को पेश हों

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बैंक एसोसिएशन की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए विजय माल्या को कोर्ट के आदेश की अवहेलना के मामले में दोषी पाया है।

Updated on: 09 May 2017, 04:48 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने शराब कारोबारी विजय माल्या को दोषी करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया और 6 महीने की सज़ा का आदेश दिया है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बैंक एसोसिएशन की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए विजय माल्या को कोर्ट के आदेश की अवहेलना के मामले में दोषी पाया।

देश छोड़ कर लंदन भागे विजय माल्या को अदालत की अवमानना का दोषी करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई तक कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या से पूछा था कि उन्होंने अपनी संपत्ति के बारे में कोर्ट को जो जानकारी दी है, वह सही है या नहीं।

इससे पहले विजय माल्या को कर्नाटक हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि वो अदालत की इजाजत के बिना कोई ट्रांजक्शन नहीं कर सकते हैं।

बता दें कि बैंकों के कंसोर्शियम ने याचिका दायर कर कोर्ट से मांग की थी कि वो माल्या को आदेश दे कि वह डिएगो डील से मिले 40 मिलियन यूएस डॉलर को एक हफ्ते के अंदर ही भारत लेकर आए। अगर वे ऐसा नहीं कर सकते तो कम से कम कोर्ट में पेश हों।

मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को दोषी बताते हुए 10 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है।

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बता दें कि एसबीआई ने कोर्ट को बताया था कि माल्या के उपर 9200 करोड़ रुपये बकाया है। बैंक असोसिएशन का कहना है कि विजय माल्या ने 40 मीलियन यूएस डॉलर (4 करोड़ डॉलर) जो डिएगो डील से हासिल किए हैं उन्हें वो सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराएं।

बैंकों के एसोसिएशन ने इसके साथ ही कहा है कि माल्या की अर्जी पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए क्योंकि माल्या बार-बार कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं।

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