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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, दिल्ली और हरियाणा यमुना के पानी बंटवारे जल्द सुलझाएं

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और हरियाणा के मुख्य सचिवों के केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव के साथ बैठक कर इस विवाद को जल्द सुलझाने का निर्देश दिया है।

Updated on: 23 Apr 2018, 07:54 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वे विवादित यमुना नदी के पानी के बंटवारे का जल्द समाधान निकाले।

कोर्ट ने दिल्ली और हरियाणा के मुख्य सचिवों के केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव के साथ बैठक कर इस विवाद को जल्द सुलझाने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर आया है जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय राजधानी को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है।

दिल्ली जल बोर्ड ने याचिका में आरोप लगाया कि हरियाणा ने यमुना के पानी की सप्लाई को एक तिहाई तक कम कर दिया है और इससे दिल्ली में जल संकट गहरा गया है।

इससे पहले दिल्ली सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि हरियाणा सरकार को दिल्ली में ज्यादा पानी सप्लाई के लिए कहा जाय, क्योंकि गर्मी के मौसम के कारण पानी की किल्लत हो रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया था कि वह 1996 के आदेश के अनुसार दिल्ली को 450 क्यूसेक पीने योग्य यमुना का पानी नहीं दे रहा है।

फिलहाल हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी को सिर्फ 330 क्यूसेक पानी छोड़ रहा है।

वहीं हरियाणा सरकार ने इस सीजन में अपनी जरूरतों का कारण बताते हुए दिल्ली को ज्यादा पानी देने से इंकार कर दिया है।

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