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CBI VS Mamata : ममता सरकार को SC से झटका, राजीव कुमार को पेश होने का आदेश, अवमानना का नोटिस भी जारी

सीबीआई ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि शारदा चिट फंड घोटाले से जुड़े एक मामले में कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार और पश्चिम बंगाल सरकार ने जांच में असहयोग किया.

Updated on: 05 Feb 2019, 06:22 PM

नई दिल्ली:

कोलकाता में CBI VS Mamata विवाद की मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में CBI ने आरोप लगाया था कि शारदा चिट फंड घोटाले से जुड़े एक मामले में कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार और पश्चिम बंगाल सरकार ने जांच में असहयोग किया. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कमिश्‍नर राजीव कुमार को सीबीआई के सामने हाजिर होने का आदेश दिया. साथ ही कोर्ट ने पश्‍चिम बंगाल सरकार, डीजीपी और कोलकाता पुलिस को अवमानना का नोटिस जारी कर दिया. 20 फरवरी तक नोटिसों का जवाब देना होगा. हालांकि राजीव कुमार को गिरफ्तारी से सुप्रीम कोर्ट ने राहत दे दी. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगाई की अगुवाई में तीन जजों की बेंच कर रही थी. 

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अवमानना याचिका के नोटिस के जवाब में चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी , पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार 18 फरवरी तक जो जवाब दाखिल करेंगे, उससे ये तय होगा कि आने वाली सुनवाई 20 फरवरी को इन सबको कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होना है या नहीं. इसके अलावा सीबीआई राजीव कुमार से पूछताछ भी एक neutral place (शिलांग ) में करेगी.

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, हमने आपकी याचिका को देखा. राजीव कुमार को जांच में शामिल होने के लिये कहा जा सकता है पर अभी अवमानना की कार्रवाई पर फैसला नहीं लिया जा सकता. दरअसल सीबीआई ने दो याचिकाएं दाखिल की है. CJI ने कहा, उसके लिए हमे अवमानना का नोटिस जारी करना होगा और कोई फैसला लेने से पहले हम उनको भी सुनेंगे.

सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने कहा, यह कानून व्यवस्था को एकदम ताक पर रखे जाने का मसला है. राज्य पुलिस उस सीबीआई को रोक रही है, जो कोर्ट के आदेश पर जांच कर रही है. आप अवमानना का नोटिस जारी कीजिए और जवाब मांगिए. AG ने कहा, राजीव कुमार ने जो कॉल डिटेल मुहैया कराया, वो आधा अधूरा था.  कौन कॉल कर रहा है, किसे कॉल कर रहा है, कुछ स्पष्‍ट नहीं है. 

इससे पहले सीबीआई ने सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी. कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर पंकज श्रीवास्तव को समन भेजा है. पुलिस ने उनपर केस को गुमराह करने का आरोप लगाया है. दूसरी ओर राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. 

हलफनामे में सीबीआई का कहना है कि मामले की जांच कर रही एसआईटी ने शारदा, रोज वैली, टावर ग्रुप जैसी कंपनियों को मदद पहुंचाई. जिन कंपनियों को SIT ने मदद पहुंचाई है, वह सभी टीएमसी के कैंपेन में योगदान देते हैं. इसके अलावा CBI ने कोलकाता पुलिस पर काम में बाधा डालने का आरोप लगाया है.  सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दायर किया गया है, उसमें राजीव कुमार के खिलाफ पुख्ता सबूत होने का दावा किया गया है. इसमें कहा गया है कि राजीव कुमार ने मौजूद साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की थी. सीबीआई ने अपील की है कि वह सबूतों को सील कवर में पेश करना चाहती है. सीबीआई का कहना है कि वह इस मामले में चिट फंड नैक्सेस, पुलिस की लापरवाही और एक्शन ना लिए जाने की जांच कर रही है. 

इधर ममता बनर्जी का धरना जारी है. उन्होंने कहा कि वे जान दे देंगी, लेकिन किसी तरह का समझौता नहीं करेंगी. ममता ने कहा कि जब आपने (मोदी सरकार) टीएमसी कार्यकर्ताओं को छुआ तो हमने कुछ नहीं कहा, लेकिन जब आपने कोलकाता पुलिस कमिश्नर की कुर्सी का अपमान किया, तब मुझे गुस्सा आया.

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रविवार को शारदा चिट फंड मामले में सीबीआई की टीम कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने बिना वारंट पहुंची थी. तब पुलिस ने सीबीआई के पांच अफसर को हिरासत में ले लिया था. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. सीबीआई की इस कार्रवाई को ममता बनर्जी असंवैधानिक बताते हुए धरने पर बैठ गई.