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सोशल मीडिया हब पर SC की सख्ती के बाद केंद्र सरकार पीछे हटी, कोर्ट ने कहा- 'यह निगरानी राज जैसा'

प्रस्तावित सोशल मीडिया हब को लेकर आरोप लगाए गए थे कि यह नागरिकों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने का हथियार बन सकता है।

Updated on: 03 Aug 2018, 08:09 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसने सोशल मीडिया प्लेटफार्मो पर 'अफवाह पैदा करनेवालों' की निगरानी और पता लगाने के लिए सोशल मीडिया कम्युनिकेशन हब (एसएमसीएच) स्थापित करने की योजना को छोड़ दिया है। अटॉरनी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि सरकार प्रस्ताव वापस ले रही है। न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ खंडपीठ के अन्य सदस्य हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफार्मो पर नजर के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कदम को रोकने के लिए तृणमूल कांग्रेस की विधायक महुआ मोइत्रा की याचिका पर केंद्र ने यह जानकारी दी है।

बीते 13 जलाई को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि यह 'निगरानी राज' बनाने जैसा होगा। प्रस्तावित सोशल मीडिया हब को लेकर आरोप लगाए गए थे कि यह नागरिकों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने का हथियार बन सकता है।

शुक्रवार को केंद्र ने शीर्ष न्यायालय को सूचित किया है कि सोशल मीडिया हब बनाने के प्रस्ताव वाली अधिसूचना वापस ले ली गई है और सरकार अपनी सोशल मीडिया नीति की पूरी तरह समीक्षा करेगी।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल की इस दलील पर विचार किया कि अधिसूचना वापस ली जा रही है।

पीठ ने इसके बाद प्रस्तावित सोशल मीडिया हब को चुनौती देने वाली याचिका का निस्तारण कर दिया. वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि सरकार अपनी सोशल मीडिया नीति की पूरी तरह समीक्षा करेगी।

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 (इनपुट आईएएनएस से)