logo-image

NEET आत्महत्या मामले में सख्त हुए SC के तेवर, तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन पर लगाया प्रतिबंध

NEET की उम्मीदवार ए. अनीता की आत्महत्या के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में होने वाले विरोध-प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है।

Updated on: 08 Sep 2017, 08:14 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट का आदेश अनीता आत्महत्या के विरोध प्रदर्शनों पर सख्ती से निपटें तमिलनाडु सरकार
  • तमिलनाडु सरकार के चीफ सेकेट्री , प्रिंसिपल सेकेट्री को 15 सितंबर को पेश होने का नोटिस जारी

नई दिल्ली:

मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए होने वाले नेशनल एलिजबिलिटी एंड एंट्रेस टेस्ट (NEET) की उम्मीदवार ए. अनीता की आत्महत्या के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में होने वाले विरोध-प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है।

जी एस मणि की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी और प्रिंसपल सेक्रेटरी को 15 सितंबर को पेश होने का आदेश दिया है।

याचिका जी एस मणि नाम के वकील ने दाखिल की थी। याचिका में अनीता की आत्महत्या के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से राज्य के लोगों को हो रही परेशानी को रोकने और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की मांग की गई थी।

इसके बाद कोर्ट ने प्रदर्शन में शामिल होने वाले राजनीतिक दलों पर उपयुक्त कानून के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि कानून, व्यवस्था में किसी भी तरह की समस्या खड़ी ना हो। वहीं इस मामले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर कोर्ट ने कुछ भी नहीं कहा है। 

बता दें कि तमिलनाडु में नीट लागू होने के खिलाफ कोर्ट में लड़ने वाली सत्रह वर्षीय मेडिकल उम्मीदवार एस अनीता ने 1 सितंबर को आत्महत्या कर ली थी।

एक मजदूर की बेटी अनिता, अनुसूचित जाति से थी। पढ़ने में बेहद होशियार छात्र ने 12 वीं कक्षा में 1200 अंकों में से 1,176 अंक हासिल किये थे। साथ ही मेडिकल की परीक्षा में उसके 196.75 मार्क्स थे। लेकिन वह नीट की परीक्षा में 86 अंक ही हासिल कर पाई थी, जिसकी वजह से मेडिकल में उसका दाखिला नहीं हो पाया था।

इसे भी पढ़ें: तमिलनाडु: NEET के खिलाफ लड़ने वाली लड़की ने की आत्महत्या