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अवैध दाखिले पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, कहा- 150 छात्रों को कॉलेज दे 10 लाख रुपये, लौटाए पूरी फीस

सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ के जीसीआरजी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पाने वाले 150 छात्रों के एडमिशन को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कॉलेज प्रबंधन को सभी छात्रों को प्रति छात्र 10 लाख रुपये मुआवजा और पूरी फीस लौटाने का निर्देश दिया है।

Updated on: 24 Nov 2017, 12:41 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ के जीसीआरजी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पाने वाले 150 छात्रों के एडमिशन को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कॉलेज प्रबंधन को सभी छात्रों को प्रति छात्र 10 लाख रुपये मुआवजा और पूरी फीस लौटाने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज पर 25 लाख का जुर्माना लगाते हुए, जुर्माने की रकम आठ हफ्ते के अंदर जमा कराने का निर्देश दिया। देश की सर्वोच्च अदालत का यह आदेश मेडिकल कॉलेजों में अवैध दाखिले के तार जुडिशरी से जुड़े होने के आरोपों की हो रही जांच के सिलसिले में दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेज को अगले शिक्षा सत्र 2018-19 के लिए ऐडमिशन लेने से रोक दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर भी सवाल उठाये कि कैसे SC के आदेश की अवहेलना करके छात्रों के दाखिले की इजाजत दे दी।

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कोर्ट ने कहा कि इलहाबाद हाईकोर्ट का आदेश न्यायिक अनुशासन का उल्लंघन है और बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एम एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि इससे संस्थागत समस्या खड़ी हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहबाद हाईकोर्ट ने सारे नियम-कायदों को ताक पर रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना की है। अदालत यह भी नहीं देख पाई कि कॉलेज में इन्फ्रास्ट्रक्चर, क्लीनिकल मटीरियल और फैकल्टी की कमी है।

वहीं कॉलेज का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि हाईकोर्ट की गलती की सजा कॉलेज को नहीं दी जानी चाहिए, लेकिन कोर्ट ने उनकी दलीलों को अनसुना कर दिया।

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