सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की कार्यवाही के लाइव प्रसारण को दी मंजूरी
कोर्ट ने कहा कि 'इसकी शुरुआत सुप्रीम कोर्ट से ही होगी। इसके लिए क़ानून का पालन किया जाएगा। कोर्ट के लाइव प्रसारण होने से न्यायिक तंत्र में भी ज़िम्मेदारी आएगी।'
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की कार्यवाही के लाइव प्रसारण को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की कार्यवाही के सीधे प्रसारण की अनुमति देते हुए कहा, 'सूर्य की रोशनी कीटाणुओं को नष्ट करने के लिए सबसे अच्छी है।' शीर्ष न्यायालय ने कहा कि अदालत की कार्यवाही के सीधे प्रसारण से 'जनता का जानने का अधिकार' पूरा होगा और न्यायिक कार्यवाही में अधिक पारदर्शिता आएगी।
बता दें कि सुनवाई करने वाली पीठ में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हैं। इससे पहले 24 अगस्त को राष्ट्रीय महत्व के मामलों में अदालत की कार्यवाही की लाइव टेलीकास्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था।
इससे पहले भी अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा था कि कोर्ट कार्यवाही के लाइव प्रसारण से पार्दर्शिता बढ़ेगी। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा था कि अयोध्या और आरक्षण जैसे मुद्दों की लाइव प्रसारण नहीं होगी। इसपर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम खुली अदालत को लागू कर रहे हैं। ये तकनीक के दिन हैं, हमें साकारात्मक सोचना चाहिए और देखना चाहिए कि दुनिया कहां जा रही है।
Supreme Court allows live streaming of court proceedings, says, 'it will start from the Supreme Court. Rules have to be followed for this. Live streaming of court proceedings will bring accountability into the judicial system." pic.twitter.com/UAWZVV9DcA
— ANI (@ANI) September 26, 2018
बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से एजी केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में गाइडलाइन जारी की थी जिसके मुताबिक लाइव प्रसारण को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट से शुरू करने की बात कही थी। गाइडलाइन में बताया गया कि वैवाहिक विवाद, नाबालिगों से जुड़े मामले, राष्ट्रीय सुरक्षा और साम्प्रदायिक सौहार्द से जुड़े मामलों का लाइव प्रसारण न हो। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि प्रसारण के लिए एक मीडिया रूम बनाया जा सकता है, जिसे लिटिगेंट, पत्रकार और वकील इस्तेमाल कर सकें।
और पढ़ें- भारत में बिना आधार के नहीं चलेगा किसी का काम, SC ने इसे संवैधानिक माना | फैसले की 10 अहम बातें
एजी केके वेणुगोपाल के मुताबिक राष्ट्रीय और संवैधानिक महत्व के मुद्दे वाले मामलों में लाइव प्रसारण होना चाहिए। हालांकि इन सबके बीच एक वकील ने इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे आम नागरिक भी कोर्ट के फैसले की गलत व्याख्या करने लग जाएंगे।
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