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जम्मू-कश्मीर में सेना की जीप पर बांधे गए फारुख ए डार को SHRC ने दिया मुआवजा देने का आदेश

फारुख ए डार नाम के शख्स को सेना को जीप के आगे बांध कर मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया है।

Updated on: 10 Jul 2017, 04:48 PM

highlights

  • फारुख अहमद डार को मिलेगा 10 लाख का मुआवजा, SHRC ने राज्य सरकार को दिया आदेश
  • फारुख अहमद वही शख्स हैं जिसको सेना ने जीप के आगे बांधा था

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी के दौरान सुरक्षा के लिए फारुख अहमद डार नाम के शख्स को सेना को जीप के आगे बांध कर मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया है।

मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को बतौर मुआवजा 10 लाख रुपये फारुख अहमद डार को देने का आदेश दिया। गौरतलब है कि फारुख अहमद डार को भारतीय सेना के मेजर गोगोई ने जीप से बांधकर उस इलाके में गए थे जहां सेना पर लगातार पत्थरबाजी हो रही थी।

सेना के इस कदम की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना भी हुई थी। वहीं सेना ने मेजर नितिन गोगोई के इस कदम को सही ठहराते हुए उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया था।

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सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना होने के बाद फैसले को सही ठहराते हुए सेना ने कहा था कि यह कदम बदतर होती स्थिति को रोकने के लिए उठाया गया था। इसके साथ ही सेना ने दलील दी थी कि सबसे बड़ी चुनौती वहां मौजूद हज़ारों लोगों को बचाने की थी जिसकी वजह से ये फैसला लिया गया।

फारुख अहमद डार ने बाद में भारतीय सेना के खिलाफ जम्मू-कश्मीर ह्यूमन राइट्स कमीशन में शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद कमीशन ने डार के पक्ष में फैसला सुनाया।

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