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मक्का मस्जिद ब्लास्ट: असीमानंद समेत अन्य आरोपियों को बरी करने वाले NIA जज ने दिया इस्तीफा

मक्का मस्जिद बम धमाका मामले में दक्षिणपंथी विचारक स्वामी असीमानंद समेत सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी किए जाने के बाद एनआईए की विशेष अदालत के जज ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

Updated on: 16 Apr 2018, 07:36 PM

highlights

  • मक्का मस्जिद मामले में फैसला देने वाले एनआईए की विशेष अदालत के जज ने दिया इस्तीफा
  • स्वामी असीमानंद समेत सभी पांच आरोपियों को बरी किए जाने के बाद जज ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली:

मक्का मस्जिद बम धमाका मामले में दक्षिणपंथी विचारक स्वामी असीमानंद समेत सभी अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी किए जाने के बाद एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की विशेष अदालत के जज ने इस्तीफा दे दिया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सोमवार को इस मामले में फैसला लिखने के बाद देर शाम एनआईए की विशेष अदालत के जज रवींद्र रेड्डी ने इस्तीफा दे दिया।

हालांकि अभी तक उनके इस्तीफा दिए जाने का कारण सामने नहीं आया है।

हैदराबाद के मक्का मस्जिद में 2007 में धमाका हुआ था, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी। 

18 मई, 2007 को प्रतिष्ठित चारमीनार के पास स्थित मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान शक्तिशाली विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 लोग घायल हो गए थे।
इस घटना के 11 साल बाद एनआईए की विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

अदालत ने असीमानंद, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, भरत मोहनलाल रातेश्वर और राजेंद्र चौधरी को बरी कर दिया है। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में इन सभी पर धमाका करने का आरोप लगाया था।

विस्फोट के बाद मस्जिद के बाहर भीड़ पर पुलिस की गोलीबारी से पांच अन्य लोग भी मारे गए थे।

इस मामले में आठ आरोपी थे, जिनमें से एक आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी की जांच के दौरान हत्या हो गई थी। दो अन्य आरोपी संदीप वी दांगे और रामचंद्र कालसंगरा अभी भी फरार हैं।

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