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INX मीडिया के बाद अब एयरसेल-मैक्सिस मामले में कार्ति चिदंबरम को मिली अग्रिम जमानत

हालांकि कोर्ट ने कार्ति को हिदायत भी दी है कि जब भी अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाएंगे उन्हें आना होगा। 16 अप्रैल को अब अगली सुनवाई होगी।

Updated on: 24 Mar 2018, 04:35 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया के बाद अब एयरसेल-मैक्सिस मामले में भी राहत मिल गई है।

शनिवार को दिल्ली की स्पेशल कोर्ट ने कार्ति की अग्रिम जमानत क़बूल कर ली है। हालांकि कोर्ट ने कार्ति को हिदायत भी दी है कि जब भी अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाएंगे उन्हें आना होगा। 16 अप्रैल को अब अगली सुनवाई होगी।

बता दें कि शुक्रवार को ही कार्ति चिदंबरम ने अदालत में 2-जी स्पेक्ट्रम मामलों से जुड़े एयरसेल-मैक्सिस मुद्दे में एक कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी में कथित अनियमितताओं के संबंध में अग्रिम जमानत याचिकाएं दायर की थी।

इस संबंध में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने क्रमश: 2011 और 2012 में मामले दर्ज किए थे।

यह विषय एयरसेल में फर्म मैसर्स ग्लोबल कम्युनिकेशन होल्डिंग सर्विसेज लिमिटेड को विदेश निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी से जुड़ा है। इस मामले में उन्हें 28 फरवरी को जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया था।

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आईएनएक्स मीडिया मामले में भी कार्ति को जमानत

आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार होने के लगभग तीन सप्ताह बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को जमानत मंजूर कर ली।

न्यायमूर्ति एसपी गर्ग ने कार्ति को 10 लाख की जमानत राशि का भुगतान करने तथा मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाने का निर्देश देने के बाद जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति गर्ग ने कहा, 'याचिकाकर्ता के भागने की कोई संभावना नहीं दिखती। उनके पिता वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, उन पर नजर रखने के लिए उनका परिवार है, वे सामाजिक व्यक्ति हैं और उनपर इससे पहले कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।'

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कार्ति चिदंबरम को साल 2007 में आईएनएक्स मीडिया बोर्ड को 'विदेश निवेश प्रोन्नत बोर्ड' (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के एवज में रुपये लेने के आरोप में गत 28 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उस समय कार्ति के पिता पी. चिदंबरम संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में वित्त मंत्री थे।

सीबीआई ने आरोप लगाया था कि विदेशी निवेश के तौर पर 305 करोड़ रुपये लेने के लिए आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी देने में कई अनियमितताएं पाई गई थीं।

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