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मॅानसून सत्र से पहले सुमित्रा महाजन की सांसदों से अपील-चलने दे सदन

मानसून सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों से खत लिख कर सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने देने की अपील की।

Updated on: 18 Jul 2018, 12:13 PM

ऩई दिल्ली:

लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पिछले सत्रों के हंगामे की भेंट चढ़ जाने पर चिंता जताते हुए मॅानसून सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों से खत लिख कर सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने देने की अपील की।

महाजन ने लिखा, 'कभी-कभी, कुछ माननीय सदस्य सदन में आते हैं और नारे लगाते हैं, प्लेकार्ड और बैनर दिखाते हैं और सदन की कार्यवाही में बाधा डालते हैं। नतीजतन, सदन की कार्यवाही को बिना किसी कामकाज के बार-बार स्थगित कर देना पड़ता है।'

महाजन ने सभी लोकसभा सदस्यों को पत्र लिख कर यह अनुरोध करते हुए कहा कि लोकसभा का 16वां कार्यकाल अपने अंतिम वर्ष में है और अब केवल 3 सत्र शेष हैं। बहुत से काम अभी अधूरे हैं जिसे पूरा किया जाना है।

उन्होंने कहा, 'आप सभी इस बात से सहमत होंगे कि चर्चा, बहस, राय और विचार में असहमति लोकतांत्रिक प्रणाली का एक अभिन्न अंग है। सकारात्मक विपक्ष और जीवंत बहस लोकतंत्र की जीवनरेखा है, लेकिन आप इससे भी सहमत होंगे कि बहस, राय और विचार भिन्नता स्थापित मानदंडों के भीतर जाहिर करना चाहिए और संसदीय मर्यादा और शिष्टाचार को स्वीकार करना चाहिए ताकि लोगों का लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों में विश्वास बना रहे।'

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा उनके हालिया विदेशी दौरे के दौरान, भारतीय प्रवासियों और अन्य विदेशी पदाधिकारियों ने भी सदन में लगातार गतिरोध पर चिंता और निराशा व्यक्त की थी।

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उन्होंने कहा कि यह सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि संसद की पवित्रता और मर्यादा की सुरक्षा की जाए।

उन्होंने कहा, 'इसलिए, हमारे लिए आत्मविश्लेषण करने और यह निर्णय करने का समय आ गया है कि हमारे लोकतंत्र और संसद के लिए आदर्श छवि क्या होगा और आगे बढ़ने का रास्ता क्या होगा।'

उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अनेक अवसरों पर देखा गया है कि सोशल मीडिया में संसद, संसदीय परम्पराओं और लोकतंत्र के प्रति अपेक्षित उत्साह एवं सकारात्मकता क्षीण हो रही है। यह प्रवृति हमारे लोकतंत्र के लिए एक चुनौती बन सकती है।

खत के आखिरी में उन्होंने कहा, 'मुझे आशा है कि जहां चुनावी एवं राजनीतिक लड़ई संसदीय क्षेत्रों में लड़ जाएगी वहीं सदस्यगण सदन में अपने लोकतांत्रिक कर्तव्य एवं मर्यादा भी बखूबी निभाएंगे। मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी आप सभी का पूर्ण सहयोग हमें प्राप्त होगा एवं आप सभी संसदीय प्रतिष्ठा, अनुशासन एवं मर्यादा के अपेक्षित प्रतिमान स्थापित करेंगे।'

18 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र 10 अगस्त तक चलेगा।

IANS के इनपुट के साथ

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