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एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय-DDA को जवाब देने के लिए दिया समय, पेड़ों की कटाई पर 27 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

एनजीटी ने दक्षिणी दिल्ली में बुनियादी ढांचे का पुनर्विकास करने वाले दिल्ली जल बोर्ड, पर्यावरण मंत्रालय, दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी, एम्स को इस पर जवाब देने के लिए थोड़ा और समय दिया है।

Updated on: 19 Jul 2018, 05:12 PM

नई दिल्ली:

केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी और दिल्ली में सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली की सात कॉलोनियों के पुनर्विकास के लिए हज़ारों पेड़ों की कटाई पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने दक्षिणी दिल्ली में बुनियादी ढांचे का पुनर्विकास करने वाले एनबीसीसी, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, ट्रैफिक पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, पर्यावरण मंत्रालय, दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी, एम्स को इस पर जवाब देने के लिए थोड़ा और समय दिया है।

पेड़ों की कटाई मामले पर 27 जुलाई को अगली सुनवाई होगी।

इससे पहले राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने भी पेड़ो की कटाई पर 19 जुलाई तक रोक लगाते हुए कहा था कि पेड़ों की कटाई से बहुत नुकसान होगा और इससे पर्यावरण को को भी नुकसान पहुंचेगा

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बता दें कि कॉलोनियों के पुनर्विकास के लिए 16,500 पेड़ों की कटाई को मंजूरी देने के खिलाफ डॉ. कौशल कांत मिश्रा ने याचिका दाखिल की थी।

दक्षिणी दिल्ली की कॉलोनियों में पेड़ों की कटाई के खिलाफ आम लोगों और पर्यावरणविदों के विरोध प्रदर्शन और विभिन्न याचिकाओं के बाद कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।

केंद्र सरकार की दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र में करीबन 13 हजार पेड़ों को काटने की योजना है। दिल्ली का दक्षिणी क्षेत्र सबसे ज्यादा हरे भरे इलाकों में से एक है। यहां पेड़ों को काटकर 25,000 नए फ्लैटों और लगभग 70,000 वाहनों के लिए पार्किंग स्थल बनाने की योजना है।

एनबीसीसी ने हालांकि 16,500 पेड़ों की संख्या के आंकड़े का विरोध किया और कहा कि 'ये संख्या अफवाह पर आधारित है, यह सही नहीं है।'

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