वाजपेयी के समय संसद में आज से बेहतर काम हुआ था: सोनिया
अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान संसद ने ज्यादा सकारात्मक तरीक से काम किया था।
नई दिल्ली:
कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार विपक्ष के साथ सामंजस्य की भावना नहीं रखती है।
अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान संसद ने ज्यादा सकारात्मक तरीक से काम किया था।
सोनिया ने कहा, 'मौजूदा स्थिति ऐसी है कि कोई भी सामंजस्य की भावना नहीं है..यह हमारा अधिकार है, यह विपक्ष का अधिकार है। जब वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तो हमने काफी अच्छे तरीके से काम किया था।'
वह इंडिया टुडे कांक्लेव में संसद में विपक्षी पार्टियों द्वारा व्यवधान उत्पन्न करने के मुद्दे पर सवाल का जवाब दे रहीं थीं।
सोनिया गांधी ने इससे पहले अपने भाषण में आरोप लगाया था कि सरकार ने उनकी पार्टी को दरकिनार कर दिया और करोड़ों रुपये के पीएनबी घोटाले में बोलने का अवसर नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, 'जब आपके पास चर्चा करने के लिए जरूरी मामले होते हैं, आपको सभी प्रक्रियाओं का पालन करना होता है, लेकिन हमें दरकिनार किया गया। हमें चर्चा करने की इजाजत नहीं दी गई।'
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उन्होंने कहा, 'बीते दो-तीन दिनों में हम पीएनबी घोटाले के बारे में चर्चा करना चाहते थे। यह ऐसा मुद्दा था जिससे लोग ग़ुस्सा हैं। हमें बोलने नहीं दिया गया।'
एक और सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान उनकी पार्टी सदस्यों ने नारे लगाए थे क्योंकि उनके पार्टी नेताओं को इससे एक दिन पहले बोलने नहीं दिया गया था।
यह पूछे जाने पर कि मौजूदा गतिरोध कैसे समाप्त होगा, उन्होंने कहा, 'जिस तरह संसद चलाई जा रही है, उसमें इसका होना मुश्किल है। यह असंभव है क्योंकि वे लोग हमें बोलने नहीं दे रहे है। संसद क्यों होती है? मैं इस बात से अवगत हूं कि लोग कुल मिलाकर कांग्रेस से नाराज हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि हम चिल्ला रहे हैं। लेकिन इसके पीछे काफी गंभीर उद्देश्य है। संसदीय नियमों का पालन नहीं हो रहा है।'
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सोनिया ने कहा कि वाजपेयी संसदीय प्रक्रिया की बहुत इज्जत करते थे और तब के अध्यक्ष वैसे थे, जैसा उन्हें होना चाहिए।
मोदी को एक व्यक्ति के रूप में वह कैसा मानती हैं, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह उन्हें नहीं जानती हैं।
उन्होंने कहा, 'मैं उन्हें नहीं जानती हूं। मैं बतौर व्यक्ति उन्हें नहीं जानती हूं। हम उन्हें संसद में या कभी-कभार समारोह में देखते हैं, लेकिन मैं यह नहीं कह सकती कि मैं उन्हें जानती हूं।'
सोनिया ने कहा, 'वाजपेयी सरकार में भी हम विपक्ष में थे। हम कड़े प्रतिद्वंद्वी थे लेकिन हमने अच्छी तरह से काम किया। निश्चित ही हमारे बीच असहमति थी लेकिन यह सब सकारात्मक तरीके से था।'
कथित गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कार्प घोटाले में कैग की रिपोर्ट के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को इस मुद्दे पर संसद में बोलने नहीं दिया गया।
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