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स्मृति ईरानी- बुनकर परिवारों के 30 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से महरुम, मात्र 1 प्रतिशत ही कर पाते हैं ग्रेजुएशन

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि बुनकर परिवारों के करीब 30 प्रतिशत बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं और इनमें से मात्र 1 प्रतिशत बच्चे ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर पाते हैं।

Updated on: 23 Mar 2017, 02:15 PM

नई दिल्ली:

कपड़ा मंत्रालय संभाल रही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि बुनकर परिवारों के करीब 30 प्रतिशत बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं और इनमें से मात्र 1 प्रतिशत बच्चे ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर पाते हैं।

लोकसभा में यह बात बताते हुए स्मृति ईरानी ने केंद्र सरकार की एक हालिया रिपोर्ट का हवाला दिया। इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि बुनकर परिवारों के 30 प्रतिशत बच्चे किसी भी स्कूल में नहीं जाते हैं, साथ ही इनमें से मात्र 1 प्रतिशत बच्चे ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर पाते हैं।

यह बात उन्होंने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कही और बुनकर परिवारों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा लिए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।

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केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कपड़ा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला डेवलपमेंट कमीश्नर फॉर हैंडलूम विभाग ने IGNOU और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग यानि NIOS के साथ बुनकरों के बच्चों को ओपन स्कूल और डिस्टेंस लर्निंग एजुकेशन के ज़रिए शिक्षा प्रदान करने के लिए 7 अगस्त 2016 को दो अलग-अलग एमओयू साइन किए हैं।

उन्होंने कहा, 'IGNOU स्कूल बाद की शिक्षा प्रदान करता है जबकि NIOS सेकेंडर और सीनियर सेकेंडरी स्तर की पढ़ाई करवाता है। इसके अलावा इस एमओयू के ज़रिए आगे चलकर बुनकरों के बच्चों के करियर संबंधी कोर्स भी मुहैया कराए जाएंगे।'

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बुनकरों के बच्चे जो इसकी योग्यता के मानदंडों को पूरा करते हैं इन शिक्षण संस्थानों से शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे। इसके अलावा IGNOU ने दो एकेडमिक प्रोग्राम- बैचलर प्रीपेटरी प्रोग्राम और कंप्यूटर लिट्रसी प्रोग्राम शुरु किए है। इन कार्यक्रमों में अब तक बुनकर परिवार से जुड़े 6175 छात्र रजिस्टर करवा चुके है।

उन्होंने कहा कि, 'NIOS को ख़ास बुनकर परिवारों के बच्चों के लिए स्पेशल कोर्स शुरु करने के लिए 10 लाख रुपये आवंटित किए जा चुके हैं।'

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