logo-image

जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर कर्नाटक चाहता है अलग झंडा, सिद्धारमैया सरकार ने बनाई कमेटी

कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार ने राज्य के लिए अलग झंडा की मांग उठाई है।

Updated on: 18 Jul 2017, 03:17 PM

highlights

  • कर्नाटक सरकार ने राज्य के अलग झंडे के लिए बनाई 9 सदस्यों की कमेटी
  • बीजेपी ने किया विरोध, कहा- भारत एक देश है और देश में दो झंडे नहीं हो सकते हैं
  • सीएम सिद्धारमैया ने कहा, क्या संविधान में इस तरह का कोई प्रावधान है जो राज्यों को अपना झंडा चुनने से रोक सकता है?

नई दिल्ली:

कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार ने राज्य के लिए अलग झंडे की मांग उठाई है। इसके लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 9 सदस्यों की कमेटी गठित की है। जो झंडे के डिजाइन और उसे कानूनी मान्यता दिलाने का काम करेगी।

सरकार के 6 जून को दिए आदेश में कन्नड़ और कल्चर डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव को कमेटी का अध्यक्ष बनाया है। 

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अलग झंडे की मांग की पुष्टि करते हुए कहा, 'क्या संविधान में इस तरह का कोई प्रावधान है, जो राज्यों को अपना झंडा चुनने से रोक सकता है?'

साथ ही उन्होंने कहा, 'इसका चुनाव से कोई संबंध नहीं है। अगर बीजेपी इसका विरोध करती है। तो क्या वह खुलकर कह सकती है कि वह राज्य के अलग झंडे के खिलाफ है?'

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने सरकार के फैसले का विरोध किया है। गौड़ा ने कहा, 'भारत एक देश है और देश में दो झंडे नहीं हो सकते हैं।'

आपको बता दें की जम्मू-कश्मीर ही ऐसा राज्य है जहां तीरंगे से अलग उसका अपना झंडा है। जम्मू-कश्मीर को संविधान की धारा-370 के तहत स्पेशल स्टेट्स दिया गया है।

और पढ़ें: निजता का अधिकार मामले पर SC की 9 सदस्यीय पीठ लेगी फैसला

साल 2012 में भी कर्नाटक के लिए अलग झंडा की मांग उठी थी, लेकिन तत्कालीन बीजेपी सरकार ने विरोध किया था। बीजेपी ने कहा था कि यह कदम 'देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है।'

और पढ़ें: मायावती बोलीं, सत्तापक्ष बोलने नहीं दे रहा, आज दूंगी राज्यसभा से इस्तीफा