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बुर्का बैन वाले बयान पर शिवसेना ने लिया यू टर्न, जानिए क्या है वजह

बुधवार को शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा- ये तो (चेहरा ढंकने की परंपरा) रावण की लंका में होता था. राम की अयोध्या में ये कैसे हो सकता है?

Updated on: 02 May 2019, 10:00 AM

नई दिल्ली:

शिवसेना ने अपने बुर्का बैन वाले बयान से यूटर्न ले लिया है. पार्टी का कहना है कि यह बयान 1 मई को सामना के संपादकीय में छपे संपादक के निजी विचार हैं. शिवसेना पार्टी का यह स्टैंड नहीं है. यह सामना संपादकीय एडिटर का अपना मत है. आपको बता दें कि ईस्टर संडे के दिन श्रीलंका में सीरियल ब्लास्ट के बाद से श्रीलंका सरकार ने देश में किसी भी तरह से चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

बुधवार को शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा- ये तो (चेहरा ढंकने की परंपरा) रावण की लंका में होता था. राम की अयोध्या में ये कैसे हो सकता है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या दौरे को देखते हुए हम ये सवाल उनसे पूछना चाहते हैं. इस पर आज मुंंबई से शिवसेना ने सफाई देते हुए कहा कि सामना में छपे संपादकीय के मुद्दे पर न कभी पार्टी मीटिंग में कोई बात हुई और न कभी उद्धव ठाकरे जी ने इस बारे में कोई बात कही. सामना में प्रकाशित संपादकीय श्रीलंका के वर्तमान हालात पर संपादक का नजरिया हो सकता है. यह किसी भी रूप में पार्टी या पार्टी अध्यक्ष के विचारों को नहीं बता रहा है. दरअसल बुधवार को सामना के संपादकीय में बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी.

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21 अप्रैल को ईस्टर पर्व के दौरान श्रीलंका में आतंकी हमला हुआ था। 250 से भी ज्यादा लोग मारे गए थे. जांच के दौरान सामने आया कि हमले में शामिल कुछ महिलाएं बुर्के में थीं. इसके बाद वहां की सरकार ने देश में किसी भी तरह से चेहरा ढंकने पर रोक लगा दी थी। हालांकि, श्रीलंका सरकार के आदेश में कहीं भी साफतौर पर बुर्का शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है.

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सामना के संपादकीय में आगे लिखा गया- वर्तमान सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के शोषण को रोकने के लिए तीन तलाक पर कानून बनाया. श्रीलंका में आतंकी हमला हुआ. वहां की सरकार ने बुर्के और इसके अलावा चेहरा ढंकने वाले हर तरीके पर रोक लगा दी. वहां के राष्ट्रपति ने साफ तौर पर कहा है कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया है. हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि भारत में बुर्का और चेहरा ढंकने के दूसरे तरीकों को फौरन बैन करें. देशहित में श्रीलंका सरकार के इस कदम का हमें भी अनुसरण करना चाहिए.

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, बुर्का और नकाब भारत में पारंपरिक परिधान नहीं हैं. इन पर दुनियाभर में बैन लगाया जा चुका है. अगर कुछ लोग इसे धर्म और इस्लाम से जोड़ते हैं तो उन्होंने कुरान ही नहीं पढ़ी होगी। उन्हें ये ध्यान से पढ़ना चाहिए.

बुर्का बैन के बाद शिवसेना नेता संजय राउत का इंटरव्यू