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शिवसेना ने कहा, राम मंदिर पर तीन तलाक की तरह अध्यादेश लाए सरकार , राष्ट्रपति अपने हैं

शिवसेना ने कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार ने तीन तलाक पर अध्यादेश लेकर आई और एससी/एसटी एक्ट में संशोधन लाई, उसी तरह अयोध्या में राम मंदिर के लिए सरकार अध्यादेश लेकर आए.

Updated on: 15 Oct 2018, 11:42 AM

मुंबई:

शिवसेना ने एक बार फिर राम मंदिर को लेकर अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार ने तीन तलाक पर अध्यादेश लेकर आई और एससी/एसटी एक्ट में संशोधन लाई, उसी तरह अयोध्या में राम मंदिर के लिए सरकार अध्यादेश लेकर आए. 2019 लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही शिवसेना लगातार सरकार पर राम मंदिर निर्माण के वादों को याद दिला रही है और सरकार पर हमला बोल रही है.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी और पार्टी के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने कहा, 'लोकसभा और राज्य विधानसभा में बहुमत है और इसके अलावा अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने के लिए हमारे अपने राष्ट्रपति हैं. इसलिए बातचीत के बदले, अध्यादेश लेकर आएं.'

दो दिन पहले भी राउत ने कहा था कि मंदिर निर्माण का कार्य 2019 से पहले खत्म हो जाना चाहिए क्योंकि केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार है. मंदिर निर्माण विवाद को शुरू हुए 25 साल से ज्यादा हो गए लेकिन अभी तक रामलला वनवास काट रहे हैं.

इससे पहले पिछले सप्ताह ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया था कि दीपावली के बाद वो लाखों शिवसैनिक के साथ अयोध्या जाएंगे और राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू करेंगे. उन्होंने आगे कहा था, 'राम मंदिर निर्माण कराने को लेकर सरकार के निर्णय में हम भी शामिल होंगे. सरकार अध्यादेश लाए. जब बाबरी गिराने के लिए न्यायालय से नहीं पूछा गया को राम मंदिर बनाने के लिए क्यों कोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.

शिवसेना ने मुंबई के कई इलाकों में 'चलो अयोध्या, चलो वाराणसी' के पोस्टर भी लगाए हैं. गौरतलब है कि शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की पुण्यतिथि 17 नवंबर को पड़ती है और ऐसे में ठाकरे ने अयोध्‍या और काशी की यात्रा का ऐलान बीजेपी पर दबाव बढ़ाने के लिए किया है.

उद्धव ठाकरे ने कहा था कि सरकार राम मंदिर पर धोखा दे रही है. उसे चाहिए कि अध्यादेश लाकर राम मंदिर का निर्माण कराए. यह वही सरकार है जो राम मंदिर के नाम पर वोट मांग कर सत्ता में आई है.'

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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी शिवसेना के लोकसभा में 18 सदस्य हैं और तीन राज्यसभा सदस्य हैं. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से राम मंदिर का मुद्दा सियासी गलियारों में लगातार गरम रहा है.