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जापान के पीएम शिंज़ो आबे और पीएम मोदी ने सिदी सैय्यद मस्जिद का किया दीदार

मोदी और आबे गुरुवार को साबरमती रेलवे स्टेशन के पास एथलेटिक स्टेडियम में महत्वाकांक्षी 1.08 लाख करोड़ रुपये (17 अरब डॉलर) की अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट की नींव रखेंगे।

Updated on: 14 Sep 2017, 07:56 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंज़ो आबे ने बुधवार को अहमदाबाद के पुराने शहर स्थित 16वीं सदी की मस्जिद, सिदी सैय्यद की जाली का दौरा किया। 

मोदी ने आबे और उनकी पत्नी अकी आबे का मस्जिद में स्वागत किया और उन्हें परिसर के दौरे पर ले गए। सिदी सैय्यद मस्जिद अपनी जाली खिड़कियों के लिए मशहूर है। गुजरात सल्तनत के अंतिम सुल्तान शम्स-उद-दीन मुजफ्फर शाह तृतीय की सेना के एक जनरल, अहमद शाह बिलाल झजर खान के अनुयायियों ने 1573 में इस मस्जिद का निर्माण कराया था।

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने बुधवार को अपने दो दिवसीय भारत दौरे की शुरुआत अपने समकक्ष भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए गर्मजोशी से स्वागत के साथ की। इसके बाद दोनों नेता रोड शो करते हुए महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम और अहमदाबाद की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती प्रतिष्ठित सिदी सैयद मस्जिद पहुंचे।

दोनों नेताओं ने अहमदाबाद हवाई अड्डे से एक खुली जीप में साबरमती आश्रम के शांत माहौल तक आठ किलोमीटर की यात्रा की, जहां उन्होंने जापान की प्रथम महिला अकी आबे के साथ महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। 

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पूरे रोड शो के दौरान, सड़क के दोनों किनारों पर खड़े लोगों ने खुशी और उत्साह से नेताओं का स्वागत किया। आबे, ने भारत में कदम रखते वक्त सूट पहना हुआ था, जिसे उतारकर, एक सफेद चुड़ीदार-कुर्ता और चमकदार नीले रंग की जैकेट पहन लिया। उनकी पत्नी ने लाल रंग का मुद्रित कुर्ता और सादे रंग की पैंट पहनी हुई थी। 

मोदी आबे दंपति को आश्रम के दौरे पर ले गए जहां तीनों गणमान्य व्यक्तियों ने फोटो खिंचवाई, जिनमें से एक चरखे के सामने शामिल थी।

दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद महात्मा गांधी ने अपना पहला आश्रम अहमदाबाद के कोचराब में मई 1915 में स्थापित किया था जिसे जून 1917 में साबरमाती नदी के किनारे स्थानांतरित कर दिया गया। 

साबरमती आश्रम 1917 से लेकर 1930 तक महात्मा गांधी का घर और भारत के स्वतंत्रता संघर्ष का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा। 

शिन्जो और उनकी पत्नी ने बुधवार को अपने दौरे के दौरान आश्रम की आगंतुकों की पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए। 

वहां कुछ समय बिताने के बाद, शिंजो आबे और अकी आबे अहमदाबाद के केंद्र में स्थित सिदी सैय्यद मस्जिद गए, जहां मोदी ने अनकी अगुवाई की।

इससे पहले मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए व्यक्तिगत तौर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल हवाई अड्डे पर जाकर आबे का जोरदार स्वागत किया। 

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इस दौरान आबे को गार्ड ऑफ अॉनर दिया गया साथ ही देश के कई इलाकों से आए कलाकारों ने विभिन्न कार्यक्रम पेश किए। 

दोनों नेता और अकी आबे एक खुली जीप में सवार होकर हवाईअड्डे से ऐतिहासिक साबरमती आश्रम के लिए निकले। 

मोदी और आबे गुरुवार को साबरमती रेलवे स्टेशन के पास एथलेटिक स्टेडियम में महत्वाकांक्षी 1.08 लाख करोड़ रुपये (17 अरब डॉलर) की अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट की नींव रखेंगे। 

इसके बाद, दोनों नेता गांधीनगर में 12वीं वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जिसमें कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।

यह सम्मेलन मोदी और आबे के बीच चौथा वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा, जहां दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी के ढांचे के तहत बहुमुखी सहयोग में प्रगति की समीक्षा की जाएगी।

जापान उन दो देशों में से एक है, जिनके साथ भारत के ऐसे वार्षिक शिखर सम्मेलन होते हैं, दूसरा देश रूस है।

दोनों देशों के प्रधानमंत्री भारत-जापान बिजनेस लीडर फोरम में भी शामिल होंगे। मोदी अहमदाबाद में पहले भी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिग की मेजबानी कर चुकें हैं। 

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