शत्रुघ्न सिन्हा बोले, 'मैं तो कम्पाउंडर बनने लायक भी नहीं था, स्वास्थ्य मंत्री बन गया'
ब्रह्मपुत्र साहित्य महोत्सव में उन्होंने कहा कि मैं तो कम्पाउंडर बनने की भी काबिलियत नहीं रखता था लेकिन मैंने स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर काम किया।
नई दिल्ली:
फिल्म से लेकर राजनीति तक शत्रुघ्न सिन्हा हमेशा चर्चा का विषय रहे है। रविवार को ब्रह्मपुत्र साहित्य महोत्सव में उन्होंने कहा कि मैं तो कम्पाउंडर बनने की भी काबिलियत नहीं रखता था लेकिन मैंने स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर काम किया।
ये बाते उन्होंने ब्रह्मपुत्र साहित्य महोत्सव में दीपा चौधरी के साथ बातचीत के दौरान कही। हालांकि उन्होंने वताया कि उनके बड़े भाई एक डॉक्टर थे। उन्होंने सबको इतना प्यार और सम्मान देने के लिए शुक्रिया कहा। अपनी जीवनी ‘एनिथिंग बट खामोश’ के बारे में बात करते हुए सिन्हा ने कहा कि यह किसी के जीवन पर लिखी सबसे ईमानदार और पारदर्शी किताब है।
Brahmaputra Literary Festival 2017. Anything but Khamosh unveiled.Great crowd! Overwhelming response! Organizers-National book trust India. pic.twitter.com/gWnAHxvV2z
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) January 29, 2017
दिग्गज अभिनेता ने कहा, 'यह किताब सबसे अधिक बिकने वाली किताब बन गई है।'
अपने फेमस डाइलोग खामोश पर बोलते हुए उन्होंने कहा,' आज के युवाओं को मैं सुझाव देना चाहता हूं कि सर्वश्रेष्ठ से बेहतर बनें या सर्वश्रेष्ठ से कुछ अलग खुद को साबित करें... ‘खामोश' शब्द में रुखापन का भाव है लेकिन आज यह एक प्यारा शब्द बन गया है।
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