logo-image

नीतीश से नाराज शरद यादव आज से रोड-शो, JDU दिखा सकती है बाहर का रास्ता

बिहार में नीतीश कुमार के महागठबंधन तोड़ने से नाराज चल रहे शरद यादव अपनी ही पार्टी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार हैं।

Updated on: 10 Aug 2017, 05:29 AM

highlights

  • जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का आज से तीन दिवसीय बिहार दौरा, 25 कार्यक्रम में लेंगे भाग
  • शरद यादव के कार्यक्रमों से जेडीयू ने बनाई दूरी, पार्टी ने दिये कार्रवाई के संकेत
  • महागठबंधन टूटने के बाद से नाराज हैं शरद यादव

नई दिल्ली:

बिहार में नीतीश कुमार के महागठबंधन तोड़ने से नाराज चल रहे शरद यादव अपनी ही पार्टी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार हैं। वहीं नीतीश खेमे की जेडीयू भी अपने पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।

जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव गुरुवार से बिहार में संवाद कार्यक्रम और रोड-शो का आयोजन करेंगे। अपनी तीन दिवसीय कार्यक्रम में शरद यादव बिहार के सात जिलों में करीब 25 जनसंवाद कार्यक्रम करेंगे। इस दौरान वह जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं का नब्ज टटोलने की कोशिश करेंगे।

शरद यादव ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'मैंने गठबंधन के लिए काफी मेहनत की थी। गठबंधन एक तरह से जनता के साथ एक बड़ा करार था। वो टूटा है। मैं जनता के पास जाऊंगा। इसी संदर्भ में मैं जनता से बातचीत करुंगा।'

वहीं जेडीयू ने शरद यादव के कार्यक्रम से पूरी तरह दूरी बना ली है और पार्टी नेताओं को नहीं शामिल होने की हिदायत दी गई है। बिहार जेडीयू के अध्‍यक्ष वशिष्‍ट नारायण सिंह ने कहा, 'पार्टी को शरद यादव के कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं हैं।'

सिंह ने शरद यादव के खिलाफ कार्रवाई के संकेत देते हुए कहा, 'उनकी ये गतिविधियां अगर जारी रहीं तब पार्टी भविष्‍य में कोई भी निर्णय ले सकती है।'

शरद यादव के वो कदम जिसे देखकर नीतीश कार्रवाई कर सकते हैं

1. शरद यादव लगातार विपक्ष के साथ खड़े दिख रहे हैं। गुजरात के राज्यसभा चुनाव के बहाने अब जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार और पूर्व अध्यक्ष अब आमने-सामने नजर आने लगे हैं। एक ओर जहां शरद यादव ने कांग्रेस के नेता अहमद पटेल को राज्यसभा सांसद चुने जाने पर ट्वीट करके बधाई दी है, वहीं पार्टी ने इससे नाराज होकर शरद के नजदीकी माने जाने वाले अरुण श्रीवास्तव को पार्टी विरोधी कार्य करने के आरोप में महासचिव पद से हटा दिया है।

जेडीयू ने अरुण श्रीवास्तव को गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव के निर्वाचन अधिकारी को चुनाव एजेंट नियुक्त करने के लिए अनधिकृत रूप से पत्र लिखने के कारण पार्टी के महासचिव पद से हटा दिया है।

और पढ़ें: 10 प्वाइंट्स में जानिए कैसा रहा जेडीयू नेता शरद यादव का राजनीतिक करियर

2. महागठबंधन टूटने के बाद से आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव लगातार शरद यादव के साथ आने की बात कह रहे हैं। जो नीतीश कुमार को नागवार गुजर सकता है। लालू यादव ने बुधवार को कहा कि असली जनता दल शरद यादव के साथ है। उन्होंने यह भी कहा, 'मुझे पता चला है कि कुछ लोगों को निर्देश है कि गुरुवार (10 अगस्त) को जब शरद यादव यहां आएं, तो उन पर बोतल का पानी और अंडा चलाना है।' लालू का इशारा जेडीयू की तरफ था।

3. जेडीयू के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में जाने के फैसले से नाखुश पार्टी के पूर्व अध्‍यक्ष शरद यादव दिल्‍ली में सांप्रदायिकता के खिलाफ सेमिनार कर सकते हैं। यह सेमिनार पटना में होने वाली जेडीयू की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के ठीक दो दिनों पहले यानी 17 अगस्त को होगा। 19 अगस्त को नीतीश कुमार ने पटना में जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है।

और पढ़ें: तेजस्वी ने साधा नीतीश पर निशाना, कहा- बीजेपी के खेमे में जाना जनादेश का अपमान

ऐसे शुरू हुई लड़ाई

बिहार में महागठबंधन तोड़कर 14 घंटों के भीतर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना लेने के कारण पार्टी अध्यक्ष नीतीश से शरद यादव नाराज हैं। उनकी नाराजगी कई मौकों पर सामने आ चुकी है।

चर्चा थी कि जद (यू) के एनडीए से जुड़ते ही केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शरद से मुलाकात की थी और उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री बनने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। बीजेपी के साथ सरकार बनाने पर शरद यादव ने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

और पढ़ें: नीतीश की पार्टी बनी अहमद पटेल के लिए संजीवनी, JDU ने शरद यादव के करीबी को हटाया