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राफेल डील पर शरद पवार ने किया प्रधानमंत्री का बचाव, कहा- लोगों को मोदी की नीयत पर शक नहीं

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि लोगों को पीएम मोदी के इरादों पर 'किसी भी तरह का शक' नहीं है। उन्होंने कहा कि फाइटर जेट से संबंधित तकनीकी जानकारी साझा करने की विपक्ष की मांग बेबुनियाद है।

Updated on: 27 Sep 2018, 11:00 PM

मुंबई:

राफेल विमान सौदे को लेकर जहां एक तरफ विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर लगातार सवाल खड़े कर रही है, वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 'बचाव' किया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि लोगों को पीएम मोदी के इरादों पर 'किसी भी तरह का शक' नहीं है। मराठी न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू देते हुए पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि फाइटर जेट से संबंधित तकनीकी जानकारी साझा करने की विपक्ष की मांग बेबुनियाद है।

शरद पवार ने हालांकि कहा कि एयरक्राफ्ट की कीमतों का खुलासा करने से सरकार के लिए कोई नुकसान नहीं है। पवार ने कहा, 'मेरा मानना है कि लोगों को पीएम मोदी के नीयत पर किसी भी तरीके का शक नहीं है।'

एनसीपी प्रमुख ने कहा कि जिस तरीके के रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के पक्ष को रखा है उससे लोगों के मन में भ्रम पैदा हो गया। उन्होंने कहा कि अब इस मुद्दे पर सरकार के रुख को रक्षा मंत्री के बजाय वित्त मंत्री अरुण जेटली को सफाई देते हुए देखा जा सकता है।

शरद पवार के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने उनका धन्यवाद किया है। शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'मैं पूर्व रक्षा मंत्री और अनुभवी सांसद शरद पवार जी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित के मुद्दे पर सच बोला है। प्रिय राहुल गांधी, आप अपने गठबंधन के सहयोगी और शरद पवार महत्ता से ही बुद्धिमानी सीखिए।'

बता दें कि राहुल गांधी ने गुरुवार को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सतना में रैली के दौरान राफेल को लेकर एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा।

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 उन्होंने राफेल डील का मुद्दा उठाते हुए कहा, 'राफेल लड़ाकू विमान की खरीदी में गड़बड़ी हुई है, मोदी ने अपने मित्र अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए भारत सरकार की कंपनी 'हिंदुस्तान एरेनोटिकल लिमिटेड' (एचएएल) से ठेका छीनकर एक प्राइवेट कंपनी, अंबानी की नई कंपनी को दिलाया है, कांग्रेस काल में यह विमान 526 करोड़ रुपये का था, मगर अब इसे प्रति विमान 1600 करोड़ रुपये की दर पर खरीदा जा रहा है।'

कांग्रेस प्रमुख कहा, 'देश का चौकीदार चोरी कर रहा है, यही कारण है कि उनकी देश के युवाओं की आंख में आंख मिलाने की हिम्मत नहीं पड़ रही है।'

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राहुल ने कहा कि सरकार राफेल का दाम बताने को तैयार नहीं है। फ्रांस से हुए समझौते की शर्त का हवाला दिया जाता है, मगर फ्रांस के राष्ट्रपति कहते हैं कि भारत सरकार चाहे तो विमान के दाम बता सकती है, फ्रांस की ओर से दाम न बताने की कोई बाध्यता या शर्त नहीं है।